
जींद, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । एनएच 152 डी और दिल्ली कटरा एक्सप्रेसवे के पास की प्रस्तावित आईएमटी के विरोध में जिला के एक दर्जन गांवों के किसान शुक्रवार को लघु सचिवालय पहुंचे और प्रदर्शन किया। किसानों ने सीएम और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। कई गांवों के किसान ट्रैक्टर व ट्रालियों में भरकर लघु सचिवालय पहुंचे।
किसानों ने अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगे झंडे लगाए हुए थे। किसानों ने गोहाना रोड पर लघु सचिवालय परिसर के बाहर पहले धरना दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यहां किसान नेताओं ने कहा कि जींद जिले के किसानों को सरकार का आईएमटी नही चाहिए। इसमें सरकार ने उन किसानों के पुनर्वास का कोई प्रावधान नहीं किया है। जो बिना जमीन के भूमिहीन हो जाएंगे। किसानों ने कहा कि इन जमीनों से केवल किसानों और उनके परिवारों का ही पेट नहीं भरता है बल्कि हजारों मजदूरों और उनके परिवारों की रोजी.रोटी भी इसी जमीन से चलती है।
सरकार जींद जिले में जिस प्रस्तावित आईएमटी की बात कर रही है, उससे रोजगार नहीं मिलेगा। आईएमटी के नाम पर किसानों को उनकी जमीनों से वंचित करने की साजिश सरकार रच रही है। भूमि पोर्टल पर किसानों के आईएमटी के लिए जमीन देने की किसानों की सहमति खुद सरकार भर रही है। यह बहुत बड़ा धोखा है। इसकी जांच होनी चाहिए। जमीन बचाओ संघर्ष समिति प्रधान धर्मपाल ने कहा कि कहा कि आज तक जितने किसानों की जमीनों का सरकार ने अधिग्रहण कियाए या नई भूमि अधिग्रहण पॉलिसी के तहत जमीन खरीदी, वह किसान बाद में कहीं के नहीं रहे।
उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन गई तो हजारों लोग अपनी रोजी-रोटी खो बैठेंगे और यह किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। प्रदर्शन के बाद किसानों ने डीसी के माध्यम से सीएम और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भेजा। इसमें मांग की गई की जींद जिले में प्रस्तावित आईएमटी को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने किसानों का सीएम के नाम ज्ञापन लिया और कहा कि किसानों के ज्ञापन को सीएम को भेज दिया जाएगा। डीसी ने यह भी कहा कि किसानों की जमीन पोर्टल पर किसानों की सहमति के बिना अपलोड करने के आरोपों की जांच करवाई जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
