मंडी, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश सरकार की बेरूखी के चलते मोबाइल पशु चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही है। जिसके चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 11 महीनों से सरकार द्वारा ऑपरेशनल फंड्स की लगातार अनदेखी के कारण राज्य की मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं रोक दी हैं। यह कदम तब उठाया गया जब कर्मचारियों को न तो उनके निर्धारित वेतन का भुगतान किया गया और न ही अन्य सुविधाएं दी गईं।
कर्मचारियों का कहना है कि केंद्रीय सरकार के निर्देशानुसार उनका वेतन भी पूरा नहीं किया जा रहा है, जबकि कार्य की जटिलताएं बढ़ती जा रही हैं। राज्य कार्यकारिणी सदस्य सर्वज्ञ शर्मा ने बताया कि इस ठप हुई सेवा का सबसे अधिक असर राज्य के किसानों पर पड़ रहा है, जो पशु चिकित्सा की बुनियादी सेवाओं के लिए इन मोबाइल इकाइयों पर निर्भर थे। विशेषकर, बीमार या घायल मवेशियों का इलाज न होने से पशुपालकों को भारी नुकसान हो रहा है। कर्मचारियों के सामने अन्य समस्याएं भी हैं, जैसे कि मेडिकल लीव का कोई प्रावधान नहीं, वेतन वृद्धि का अभाव, और कुछ स्थानों पर बैठने की उचित व्यवस्था का न होना। और तो और एम्बुलेंस में पिछले कई महीनों से ज़रूरी दवाईयो एवं चिकित्सा आपूर्ति का आभाव चल रहा है जिससे फील्ड में सेवाए देना दूभर हो गया है। ऐसे में कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनके अधिकार नहीं मिलते, वे काम पर नहीं लौटेंगे। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा बार बार सरकार को लिखित में फंड्स के लिए बोलने पर भी सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
