RAJASTHAN

कक्षा 5 की पर्यावरण अध्ययन की नई पुस्तक में मानगढ़ धाम एवं गुरु गोविंद का योगदान प्रकाशित

मदन दिलावर

जयपुर, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि समाचार पत्रों में नवीन पाठ्यपुस्तकों में आदिवासी अंचल के इतिहास को उपेक्षित करने की भ्रामक जानकारी प्रकाशित की जा रही हैं। जबकि इस संबंध में सही तथ्य यह है कि कक्षा 5 की पर्यावरण अध्ययन की नई पुस्तक ‘हमारा परिवेश’ के अध्याय 15 ‘हमारे प्रेरक’ में बलिदान की गाथा मानगढ़ धूणी (मानगढ़ पहाड़ी) में मानगढ़ धाम एवं गुरु गोविन्द के योगदान को प्राथमिकता से प्रकाशित किया गया है। इसी प्रकार वीर बाला कालीबाई की कहानी को कक्षा 7 की हमारा राजस्थान पुस्तक में आदिवासी वागड के गांधी भोगीलाल पंडया, नानाभाई खाट सेंगाभाई के साथ शामिल किया गया है। इसके अलावा कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए ग्रेडेड स्टोरी कार्डस में भी कालीबाई की कहानी को शामिल किया गया है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि आरएससीईआरटी द्वारा एनईपी 2020, एनसीएफ 2023 एवं एससीएफ 2023 के अनुरूप नए पाठ्यक्रमों के निर्माण में स्थानीयता को ध्यान में रखते हुए पुस्तकें तैयार की गई हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर द्वारा राज्य सरकार के निर्देशानुसार संपूर्ण राज्य में कक्षा 1 से 5वीं तक की समस्त पुस्तकों में नई शिक्षा नीति एवं राज्य पाठ्यचर्या के माध्यम से पाठ्यक्रमों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि परिषद द्वारा संपूर्ण राज्य के विविध क्षेत्रों की भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों को पुस्तकों में शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त आदिवासी इतिहास व संस्कृति को राजस्थान की पुस्तकों में जोड़ा गया है। कक्षा 3 हिंदी पाठ्यपुस्तक के अध्याय 14 ‘मातृकुंडिया की यात्रा’ में मातृकुंडिया मेवाड़ का हरिद्वार, बनास नदी, मंगलेश्वर महादेव एवं घूमर को शामिल किया गया है। कक्षा 4 हिंदी पाठ्यपुस्तक के अध्याय 14 ‘राजस्थान के गौरव’ में महाराणा कुंभा एवं अध्याय 13 ‘धरती राजस्थान की’ में विभिन्न त्योहारों, नृत्यों को कविता में शामिल किया गया है। इसी प्रकार कक्षा 4 पर्यावरण अध्ययन की पाठ्यपुस्तक के अध्याय 15 में ‘महाराणा प्रताप स्वाधीनता एवं स्वाभीमान का प्रतीक’ में महाराणा प्रताप, राणा पुंजा, एवं दानवीर भामाशाह को शामिल किया गया है।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कक्षा 5 पर्यावरण अध्ययन पुस्तक हमारा परिवेश के अध्याय 1 में बांसवाड़ा क्षेत्र से संबंधित बासोड़ा की थाली, अध्याय 15 हमारे प्रेरक में बलिदान की गाथा मानगढ़ धूणी (मानगढ़ पहाड़ी) को शामिल किया गया। इसी तरह कक्षा 6 हमारा राजस्थान के अध्याय 10 में लोक संस्कृति एवं कला में जनजातीय क्षेत्र के प्रमुख मेले बेणेश्वर मेले का विवरण किया गया है। कक्षा 7 की पुस्तक ‘हमारा राजस्थान’ के अध्याय 7 में आजादी का आंदोलन और राजस्थान में जन-जाति आंदोलन के अन्तर्गत भील आंदोलन, मीणा जन-जाति आंदोलन को शामिल किया गया है तथा प्रमुख जननायक गोविन्द गुरु को शामिल किया गया है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पूर्व प्राथमिक शिक्षा एवं प्राथमिक शिक्षा मातृ भाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा में निर्गत करने हेतु प्रोत्साहित करता है। राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों एवं स्थानीय भाषाओं में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने हेतु आरएससीईआरटी द्वारा इन भाषाओं हेतु शब्दकोष बनाए है। उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचल की भौगोलिक एवं भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए सिरोही और डूंगरपुर के दो ब्लॉक में स्थानीय वागड़ी और गरासिया भाषाओं में 100-100 विद्यालयों में स्थानीय भाषाओं की सहभागिता को प्रकाशित करते हुए पुस्तकों में स्थानीय लोक कथाएं, गीत, भाषाएं शामिल किए गए है।

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(Udaipur Kiran)

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