
रांची, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । कुड़मी समुदाय को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए 20 सितंबर से झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा में आहूत अनिश्चितकालीन रेल टेका, डहर छेका आंदोलन को आजसू पार्टी ने समर्थन देने की घोषणा की है। पार्टी ने आंदोलन को सफल बनाने के लिए झारखंड, बंगाल और ओडिशा में वरिष्ठ नेताओं को जिला प्रभारी नियुक्त किया है। पार्टी के कार्यकर्ता आंदोलन को सफल बनाने के लिए सड़कों पर उतरेंगे।
पार्टी के केंद्रीय महासचिव और पूर्व विधायक डॉ लंबोदर महतो, विधायक निर्मल महतो, केंद्रीय महासचिव हरे लाल महतो और पूर्व जिप उपाध्यक्ष पार्वती देवी ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि झारखंड आंदोलनकारी एनई होरो, रामदयाल मुंडा और गुरुजी और शिबू सोरेन ने भी कुड़मी समुदाय को आदिवासी (एसटी) सूची में शामिल करने की वकालत की थी।
उन्होंने कहा कि रघुवर दास के कार्यकाल में 46 सांसद–विधायकों ने लिखित समर्थन किया था, जिसमें हेमंत सोरेन और इरफान अंसारी भी शामिल थे। अब इनके विरोध का औचित्य समझ में नहीं आता।
डॉ लंबोदर महतो ने बताया कि झारखंड में इस आंदोलन के लिए वरिष्ठ नेताओं को जिला प्रभारी नियुक्त किया गया है। बोकारो और गिरिडीह जिलों में गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सहयोग करेंगे। रामगढ़, हजारीबाग और चतरा जिलों में मांडू विधायक निर्मल महतो, पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम में केंद्रीय महासचिव हरे लाल महतो, बोकारो जिले में पूर्व विधायक डॉ लंबोदर महतो पार्टी की ओर से आंदोलन में भूमिका निभाएंगे। रांची जिले में केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशन में पूरी टीम इस रेल रोको आंदोलन को समर्थन और नेतृत्व प्रदान करेगी। संथाल परगना में संजीव महतो इस आंदोलन में मोर्चा संभालेंगे।
बंगाल और ओडिशा में भी पार्टी ने प्रभारियों की नियुक्ति
डॉ महतो ने बताया कि इसके अतिरिक्त, झारखंड के 24 जिलों में प्रभारी नियुक्त किए गए हैं, जो अपने-अपने जिलों में इस आंदोलन को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए कार्य करेंगे। बंगाल और ओडिशा में भी पार्टी ने प्रभारियों की नियुक्ति की है। विधायक निर्मल महतो ने बताया कि आजसू पार्टी ने इन मुद्दों को सड़क से लेकर सदन तक उठाया है और सामाजिक न्याय व विकास को अपने मूल लक्ष्य के रूप में अपनाया है। आजसू पार्टी ने झारखंड के सभी राजनीतिक दलों तथा अन्य समुदायों से अपील की है कि वे इस न्यायसंगत आंदोलन में साथ दें।
आजसू नेताओं ने कहा कि कुड़मी समुदाय 1931 से पहले से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है और नौ दशकों से अधिक समय तक उन्हें उनके हक से वंचित रखा गया है। आजसू पार्टी न केवल कुर्मी समुदाय बल्कि 1931 से पहले की एसटी सूची में शामिल सभी जातियों के लिए लड़ेगी, जिन्हें बाद में हटा दिया गया। यह अनिश्चितकालीन आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, क्योंकि यह संवैधानिक अधिकारों और सम्मान की मांग है।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
