नैनीताल, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चंपावत जिले के बनबसा थाना क्षेत्र में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दर्ज मामले में कांग्रेस नेता आनन्द सिंह मेर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। उन पर बाढ़ की स्थिति के दौरान सोशल मीडिया पर झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप है।
गुरुवार को न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार याचिका में कहा कि बनबसा के भाजपा युवा मोर्चा के स्थानीय पदाधिकारी ने थाना बनबसा में तहरीर दी, जिसमें कहा था कि आनंद सिंह मेर नामक एक व्यक्ति, जो फागपुर का निवासी है, अपने फेसबुक अकाउंट और अन्य सोशल मीडिया के माध्यमों से झूठी वीडियो, फोटो और सामग्री प्रसारित कर रहा है। शिकायत में कहा गया कि इन गतिविधियों से समाज में अशांति और भ्रम पैदा हो रहा है। यह भी आरोप था कि बनबसा-टनकपुर क्षेत्र में बाढ़ के कारण आपदा की स्थिति है और लोग भयभीत हैं। ऐसे में यह व्यक्ति बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों को भड़काने का काम कर रहा था। यह भी आरोप लगाया कि उसने बिना किसी साक्ष्य के विभिन्न विभागों और प्रतिष्ठित सामाजिक व्यक्तियों पर झूठे और निराधार आरोप लगाए, जिससे सार्वजनिक छवि और लोक सेवकों के कार्यों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था।
शिकायत के आधार पर बनबसा पुलिस ने 2 सितंबर, 2025 को प्राथमिकी दर्ज की। यह मामला आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से अपनी गिरफ्तारी से बचने और प्राथमिकी को रद्द कराने की मांग की गई थी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि इस मामले में जांच जारी रहेगी, लेकिन याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता जांच अधिकारी के साथ पूरा सहयोग करना होगा और जब भी दस्तावेजों या बयान के लिए उसे बुलाया जाएगा, उसे उपस्थित रहना होगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अक्टूबर की तिथि नियत करते हुए संबंधित पक्षों को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता ने अपने वीडियो में क्षेत्र में बाढ़ के लिए अवैध खनन को दोषी ठहराया था। उन्हाेंने कहा था कि इस बाढ़ के लिए खनन माफिया व सरकारी मशीनरी दोषी है। इसलिए बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा अवैध खनन में लगे लोगों से वसूला जाना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / लता
