
नई दिल्ली, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी गई टिप्पणी पर उच्चतमन्यायालयके चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 16 सितंबर को राकेश दलाल की याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा था कि जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। अगर आप भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हैं, तो जाइए उनसे प्रार्थना कीजिए। बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने कहा कि सोशल मीडिया एंटी-सोशल मीडिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरीके से दिखाया गया है। याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि चीफ जस्टिस के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि मैं चीफ जस्टिस को दस सालों से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। मेहता ने कहा कि न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरुरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी मेहता की बातों से सहमति जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है।
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
