
इटानगर, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग ज़िले के आलॉन्ग और कांबा में आज तैयारी और एकता का एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन करते हुए, भारतीय सेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस, इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) और नागरिक प्रशासन ने संयुक्त रूप से आलॉन्ग में बड़े पैमाने पर भूकंप प्रतिक्रिया मॉक ड्रिल का आयोजन किया।
अभ्यास में 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप का परिदृश्य पांच विभिन्न स्थानों पर तैयार किया गया था, जिसका उद्देश्य कई प्रतिक्रिया एजेंसियों की गति, समन्वय और दक्षता को वास्तविक परिस्थितियों में परखना था। खोज और बचाव दलों के साथ-साथ विशेष चिकित्सा इकाइयों को तुरंत तैनात किया गया, वहीं घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) ढांचे का भी गहन मूल्यांकन किया गया।
मॉक ड्रिल ने आपदा तैयारी के प्रमुख पहलुओं को उजागर किया। बेहतर संचार नेटवर्क, मजबूत लॉजिस्टिक सहयोग, और सैन्य तथा नागरिक एजेंसियों के बीच सुचारू समन्वय शामिल है। साथ मिलकर काम करते हुए, प्रतिभागी बलों ने दिखाया कि सामूहिक कार्रवाई कैसे हताहतों को कम कर सकती है, त्वरित राहत सुनिश्चित कर सकती है और प्राकृतिक आपदा के बाद सामान्य स्थिति बहाल कर सकती है।
यह अभ्यास केवल परिचालन क्षमता की परीक्षा नहीं था, बल्कि सशस्त्र बलों और नागरिक प्रशासन के बीच संबंधों की पुनः पुष्टि भी था। इसने ज़ोर दिया कि आपदा प्रबंधन केवल किसी एक एजेंसी की ज़िम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह एक साझा कर्तव्य है, जिसके लिए तालमेल, विश्वास और पारस्परिक सहयोग की आवश्यकता होती है। मॉक ड्रिल की सफलता ने सभी हितधारकों की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित किया कि वे समुदायों की रक्षा करेंगे, लचीलापन बढ़ाएंगे और अरुणाचल प्रदेश की जनता में विश्वास का निर्माण करेंगे। मिलकर किए गए ये समन्वित प्रयास इस संदेश को मज़बूत करते हैं कि संकट के समय, एकता की शक्ति समाज की सबसे बड़ी ढाल बन जाती है।
(Udaipur Kiran) / जयकिशोर झा
