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जीएसटी दरों में संशोधन के मद्देनजर परामर्श जारी, उद्योगों को अनुपालन संबंधी छूट मिली

जीएसटी

नई दिल्ली, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 22 सितंबर से प्रभावी जीएसटी दरों में संशोधन के मद्देनजर एक संशोधित परामर्श जारी किया है। इसमें केंद्र सरकार ने उद्योगों को अनुपालन बोझ कम करने की कोशिश की है। नए परामर्श के निर्माता, पैकर्स और आयातक 22 सितंबर से पहले निर्मित बिना बिके पैकेजों पर स्वेच्छा से अतिरिक्त संशोधित मूल्य स्टिकर लगा सकते हैं। बशर्ते पैकेज पर छपी मूल अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) अस्पष्ट न हो।

इसके अलावा नियम 18(3) के तहत संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) दो समाचार पत्रों में प्रकाशित करने की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया गया है। इसके बजाय अब केवल थोक और खुदरा विक्रेताओं को संशोधित मूल्य सूची प्रसारित करना होगा। उपभोक्ता मंत्रालय का कहना है कि यह कदम व्यापार में आसानी और उपभोक्ता संरक्षण के बीच संतुलन बनाते हुए उठाया गया है। इससे सुनिश्चित होगा कि उद्योगों पर अनुपालन का अधिक बोझ न पड़े और उपभोक्ताओं को भी जीएसटी कटौती का अपेक्षित लाभ मिले।

परामर्श में जीएसटी संशोधन से पहले छपी पुरानी पैकेजिंग सामग्री या रैपरों को 31 मार्च 2026 तक या स्टॉक खत्म होने तक इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। कंपनियां पैकेज पर किसी भी उपयुक्त जगह पर मुहर, स्टिकर या ऑनलाइन प्रिंटिंग करके एमआरपी को सही कर सकती हैं। सरकार ने सलाह दी है कि उद्योग डीलरों, खुदरा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को संशोधित जीएसटी दरों के बारे में सूचित करने के लिए सक्रिय कदम उठाएं।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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