
कानपुर, 18 सितम्बर (Udaipur Kiran) । वियतनाम का शोध क्षेत्र पर्यावरण इंजीनियरिंग सतत ऊर्जा और स्मार्ट सिटी जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। आईआईटी कानपुर इन सभी क्षेत्रों में पहले से ही प्रमुख भूमिका निभा रहा है। यह सहयोग दोनों देशों के लिए उपयोगी साबित होगा और आपसी शोध के ज़रिए वास्तविक समस्याओं के समाधान खोजे जा सकेंगे। यह बातें गुरुवार को आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने कही।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी) कानपुर और वियतनाम नेशनल यूनिवर्सिटी (वीएनयू) ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे दोनों संस्थान विज्ञान और इंजीनियरिंग के कई उभरते क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे। यह समझौता दोनों देशों के बीच शैक्षणिक और शोध सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
यह साझेदारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग चिकित्सा जांच, अस्पताल प्रबंधन, भाषा सीखने की तकनीक इमारतों की गुणवत्ता की जांच स्मार्ट सिटी विकास नए प्रकार की सामग्री की खोज और निर्माण और ड्रोन तकनीक जैसे क्षेत्रों में मिलकर शोध और विकास के लिए रास्ता खोलेगी। इसका उद्देश्य दोनों संस्थानों की विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए व्यावहारिक समाधान विकसित करना है, जिससे दोनों देशों को लाभ हो।
प्रोफेसर गुयेन दिन्ह डुक ने कहा कि आईआईटी कानपुर का दौरा अत्यंत लाभकारी रहा है। उन्होंने यहां की उत्कृष्ट शोध सुविधाओं को देखा और कहा कि आईआईटी कानपुर कई ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखता है, जो वियतनाम नेशनल यूनिवर्सिटी के लिए भी बहुत जरूरी हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों संस्थान मिलकर शैक्षणिक और शोध क्षेत्रों में गहरी साझेदारी करेंगे।
दोनों संस्थानों ने यह स्वीकार किया है कि उनके पास विज्ञान और तकनीक के क्षेत्रों में मजबूत शैक्षणिक और शोध अनुभव है। इस समझौते के माध्यम से वे मिलकर एक औपचारिक मंच पर काम करेंगे जिससे विद्यार्थियों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को दोनों संस्थानों में एक-दूसरे से सीखने, विचारों का आदान-प्रदान करने और नवाचार को बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
