
आआपा यूपी के सह प्रभारी दिलीप पाण्डेय का आरोप, यूपी में भर्ती घोटाले बने भाजपा की पहचान
लखनऊ, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । आम आदमी पार्टी (आआपा) उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी दिलीप पाण्डेय ने गुरुवार को पार्टी कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में योगी सरकार पर भर्ती परीक्षाओं और चयन प्रक्रिया में खुलेआम हो रहे भ्रष्टाचार और घोटालों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूपी में भर्ती के नाम पर जिस तरह से एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं, उसने यह साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और हर उस गरीब नौजवान के खिलाफ है, जो अपनी मेहनत से अपनी किस्मत लिखना चाहता है।
स्वास्थ्य विभाग से लेकर विधानसभा तक फैला भ्रष्टाचार
दिलीप पाण्डेय ने कहा कि 2022 से अब तक यूपी में भर्ती परीक्षाओं और चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। हाल ही में सामने आए क्लोन आईडी स्कैम में 6 अलग-अलग जिलों में एक ही व्यक्ति ने अलग-अलग नाम और दस्तावेज़ लगाकर नौकरियां पा लीं। यह कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार के वटवृक्ष की एक शाखा है। उन्होंने याद दिलाया कि विधानसभा और विधान परिषद की भर्तियों में 20 प्रतिशत नौकरियां सीधे-सीधे अधिकारियों, नेताओं और परीक्षा आयोजित करने वाले लोगों के रिश्तेदारों को मिलीं। हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले को ‘रिक्रूटमेंट स्कैम’ कहकर सरकार को फटकार लगाई और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
आरक्षण नियमों की धज्जियां उड़ाकर बंटी नौकरियां
आप नेता ने कहा कि लखीमपुर कोऑपरेटिव सोसाइटी की भर्ती में नियम-कायदे ताक पर रखकर 27 में से 15 ठाकुर और 4 ब्राह्मण भर्ती कर लिए गए, जबकि ओबीसी और एससी-एसटी को मिलने वाला आरक्षण सरेआम कुचल दिया गया। क्लर्क की 17 पोस्ट में एक भी एससी-एसटी की नियुक्ति नहीं हुई, जबकि नियम के अनुसार 4 नियुक्तियां होनी चाहिए थीं। इसी तरह बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की भर्तियों में 11 में से 15 चयनित उम्मीदवार ठाकुर जाति के निकले। दिलीप पाण्डेय ने कहा कि यह भाजपा की जातिवादी मानसिकता और आरक्षण विरोधी नीतियों का जीता-जागता सबूत है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और परीक्षा कराने वाले संस्थानों का नेक्सस मिलकर युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहा है।
कोर्ट की टिप्पणियों पर भी सरकार बहरी
दिलीप पाण्डेय ने कहा कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ने भर्ती घोटालों पर सरकार को फटकार लगाई, लेकिन भाजपा सरकार पर कोई असर नहीं हुआ। सरकार ने आंख और कान बंद कर लिए हैं। यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता न्याय की तलाश में कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा रही है, लेकिन सरकार अपने ही रिश्तेदारों को रेवड़ी बांटने में व्यस्त है।
(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा
