Uttar Pradesh

बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला संपन्न, माता पिता बच्चों से न कराएं बाल श्रम

बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों के साथ बच्चे

बाल श्रम से प्रभावित बच्चों व परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ें

लखनऊ, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश को वर्ष 2027 तक बाल श्रम मुक्त करने के संकल्प के क्रम में गुरूवार को श्रम विभाग ने यूनिसेफ के सहयोग से मंडलीय बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला का आयोजन लखनऊ में किया।

मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन ने बताया कि राज्य सरकार बाल श्रम में लगे बच्चों की पहचान करने और उन्हें बचाने के प्रयासों को तेज करेगी और बाल श्रमिकों के नियोक्ताओं के खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि माता पिता बच्चों से बाल श्रम न कराएं।मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना व विधवा पेंशन जैसी विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बेहतर कवरेज के माध्यम से बाल श्रम के उन्मूलन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने श्रम, महिला कल्याण, पुलिस, बाल कल्याण समिति, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों जैसे सरकारी विभागों और एजेंसियों को शामिल करके बाल श्रमिकों के संयुक्त बचाव अभियानों की योजना बनाने का भी सुझाव दिया।

कार्यशाला के दौरान बोलते हुए उत्तर प्रदेश के यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ सैयद मंसूर कादरी ने ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायती राज विभाग की ओर से स्कूल न जाने वाले बच्चों और प्रवासी बच्चों की मजबूत जानकारी और डेटा प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बाल श्रम का उन्मूलन माता-पिता, समुदायों और सरकार की सामूहिक जिम्मेदारी है।

महिला कल्याण के लखनऊ उपनिदेशक, प्रवीन त्रिपाठी ने बाल श्रम से सम्बंधित समस्या के उन्मूलन के लिए इंटेग्रेटेड अप्रोच को अपने की आवश्यकता बल दिया।

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की एसीपी, सौम्या पांडे ने मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के मामले में विभिन्न सरकारी विभागों के बीच आपसी सूचना आदान-प्रदान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के पुनर्वास में महिला बीट प्रणाली को भी शामिल करने का सुझाव दिया।———-

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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