
नई दिल्ली, 18 सितंबर (Udaipur Kiran News) । दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने गुरुवार को सेवा पखवाड़े के तहत जनकपुरी स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय सी-3 नंबर 1 में दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति निपुण संकल्प योजना के तहत पहली निपुण शाला का लोकार्पण किया गया। यह निपुण शाला बच्चों की आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) के परिणाम को सुदृढ़ बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। दिल्ली सरकार ने कक्षा 1 से 8 के विद्यार्थियों के लिए प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मक कौशल को सशक्त बनाने के लिए “निपुण संकल्प” योजना की शुरुआत की है। इसके साथ ही मंत्री सूद ने नमो सुगम्य रथ एवं सुगम्य दिल्ली यात्रा (पश्चिमी क्षेत्र) का शुभारंभ भी किया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नेरन्द्र मोदी के राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के विजन को साकार करने में दिल्ली लगातार अग्रणी भूमिका निभा रही है। दिल्ली सरकार का लक्ष्य आने वाले तीन वर्षों में राजधानी का प्रत्येक विद्यालय निपुण शाला युक्त बनाने का लक्ष्य है। निपुण शाला की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के साथ-साथ सेवा पखवाड़े की भावना को और मजबूत करती है।
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि निपुण संकल्प योजना के माध्यम से दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करेगी की दिल्ली के हरेक सरकारी स्कूल का हर बच्चा प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मक कौशल में दक्ष बने। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों को सीखने में मदद करेगा बल्कि उनको उच्च शिक्षा में सफलता के लिए तैयार भी करेगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों के लर्निंग आउटकम्स को सुधारने के लिए निपुण शाला जैसी पहल की गई है। हमारा लक्ष्य है कि हर कक्षा स्मार्ट क्लासरूम बने, बच्चे तकनीक और एआई की समझ के साथ आगे बढ़ें। आने वाले समय में दिल्ली के बच्चे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एआई एंबेसडर बनकर देश का प्रतिनिधित्व करें यह हमारी कल्पना है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में पिछले कई वर्षों से शिक्षा के नाम पर एक झूठा नैरेटिव गढ़ा गया। कुछ इमारतें दिखाकर कहा गया कि शिक्षा में क्रांति हो गई है। लेकिन शिक्षा का असली परिवर्तन तब होगा जब लर्निंग आउटकम्स यानी बच्चों की वास्तविक शिक्षा और समझ में सुधार होगा। दिल्ली के सरकारी स्कूलों का इतिहास गवाह है कि इन्हीं स्कूलों से पढ़कर बच्चे आईआईटी, मेडिकल, सेना में जनरल, डॉक्टर और बड़े अधिकारी बने हैं। पिछले 10 वर्षों में शिक्षा के नाम पर केवल इमारतें दिखाई गईं असली परिवर्तन नहीं हुआ।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार का संकल्प है कि अगले पांच वर्षों में दिल्ली के हर सरकारी स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाया जाए। लगभग 21,000 कक्षाओं में स्मार्ट ब्लैकबोर्ड लगाए जा चुके हैं, और बाकी 17,000 कक्षाओं में भी शीघ्र ही लगेंगे। दिल्ली के हर बच्चे को क्रोमबुक, स्मार्ट क्लासरूम और तकनीकी शिक्षा का अनुभव मिलेगा। वही सुविधाएं जिनके लिए दिल्ली वाले आज निजी स्कूलों में बड़ी फीस चुकाते हैं।
सूद ने आगे कहा कि दिल्ली की स्कूलों में एआई का एथिकल यूज कर हम शिक्षकों का समय भी बचाया जा सकता है। जैसे अटेंडेंस फेस रिकग्निशन से, पेपर सेटिंग और असेसमेंट तकनीक आदि। इस प्रकार शिक्षा को तकनीक-सक्षम और प्रभावी बनाया जा रहा है।
नमो सुगम्य रथ एवमं सुगम्य दिल्ली यात्रा के सुभारंभ पर सूद ने कहा की दिल्ली सरकार राजधानी के सभी दिव्यांगजनों और बुजुर्गों की सुलभता के लिए अनेक ठोस कदम उठा रही है। केवल सरकारी इमारतों और संस्थानों को ही नहीं, बल्कि पार्क, बाजार, बस स्टॉप और आवासीय क्षेत्रों को भी सरकार तकनीक और डिजाइन के माध्यम से एक्सेसिबल बनाने पर काम किया जा रहा है। इसके लिए आरडब्लूए की सक्रिय भूमिका की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि हर ब्लॉक और हर पार्क में एक पर्पल एम्बेसडर नियुक्त किया जाए जो यह सुनिश्चित करेगा कि उसका क्षेत्र दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए पूरी तरह से सुलभ हो।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
