
ऑजोन परत धरती की सुरक्षा की ढाल : प्रो. नरसी राम बिश्नोईविश्व ऑजोन सप्ताह के उपलक्ष्य पर गुजविप्रौवि में हुआ दो दिवसीय कार्यक्रमहिसार, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि पृथ्वी के अस्तित्व और जीवन की निरंतरता के लिए वायुमंडल में मौजूद ऑजोन परत अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऑजोन परत केवल वैज्ञानिक या पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है, बल्कि हमारे जीवन और भविष्य से भी जुड़ी है। आने वाली पीढ़ियों को अगर हम सुरक्षित पृथ्वी सौंपना चाहते हैं, तो ऑजोन परत के संरक्षण के लिए हमें गंभीरता से कार्य करना होगा। प्रो. नरसी राम बिश्नोई गुरुवार काे विश्व ऑजोन सप्ताह के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के सौजन्य से आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली से सेवानिवृत प्रो. अनुभा कौशिक मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रही जबकि अध्यक्षता विभागाध्यक्षा प्रो. आशा गुप्ता ने की। प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि ऑजोन परत को धरती की सुरक्षा ढाल कहा जाता है। यह परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पेराबैंगनी किरणों को रोकती है। यदि यह परत कमजोर हो जाए तो मनुष्य के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण गुजविप्रौवि की प्राथमिकता है। इस दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा लगातार अग्रणी कार्य किया जा रहा है।प्रो. अनुभा कौशिक ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक सहयोग से पर्यावरण की दिशा में विश्व स्तर पर सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने ऑजोन परत को क्षति पहुंचाने वाले कारकोें के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि ऑजोन परत के बनने और नष्ट होने की प्रक्रिया लगातार जारी है। अगर हम ऑजोन परत को स्वस्थ रख पाएंगे तो ग्लोबल वार्मिंग पर भी नियंत्रण रखा जा सकता है। प्रो. आशा गुप्ता ने अपने स्वागत संबोधन में ऑजोन परत के बारे में विस्तार से बताया तथा कहा कि यह कार्यक्रम ऑजोन परत की सुरक्षा व पुनर्स्थापना के प्रति विश्वविद्यालय तथा विभाग की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम संयोजक डा. लखविन्द्र सिंह ने दो दिवसीय कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
