
नई दिल्ली, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की मौजूदगी में 72 से अधिक देशों के 75 राजदूतों, उच्चायुक्तों और मिशन प्रमुखों ने गुरुवार को एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत अपनी मां के नाम पर पौधरोपण किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर शुरू सेवा पखवाड़ा के तहत दिल्ली के पीबीजी ग्राउंड में यह वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि ये पूरे विश्व के लिए बहुत बड़ा आयोजन है। प्रधानमंत्री मोदी के एक पेड़ मां के नाम की अपील हमें यह एहसास दिलाती है कि धरती को बचाना सबकी जिम्मेदारी है। इस मौके पर कई राजदूत और उच्चायुक्त अपनी मां को याद करके भावुक हो गए। सेवा पखवाड़ा के तहत 25 सितंबर को पूरे देश में 7.5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। आज इंडिया से इसकी खुशबू पूरी दुनिया तक पहुंची है।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली का हरित क्षेत्र 25 फीसद बढ़ा है, जो अन्य सभी प्रदेशों में सबसे ज़्यादा है। एक पेड़ मां के नाम सिर्फ अभियान नहीं बल्कि एक जन आंदोलन है। आपके द्वारा लगाया हुआ हर पेड़ मां के प्यार और संवेदना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि 72 देशों के राजनयिकों ने अपनी मां के नाम पर दिल्ली की धरती पर पेड़ लगाया। यह दृश्य दिखाता है कि मां का रिश्ता न भाषा से बंधा है और न ही सीमा से। मां का नाम लिया जाए तो पूरी धरती एक हो जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर शुरू सेवा पखवाड़े के अंतर्गत “एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है, बल्कि मां और धरती मां दोनों के प्रति हमारी कृतज्ञता का भी प्रतीक है। दिल्ली सरकार इस वर्ष 70 लाख पेड़ लगाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने सभी से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ अवश्य लगाने का आग्रह किया।
मंत्री सिरसा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के एक पेड़ मां के नाम के संकल्प ने वैश्विक स्तर पर ख्याति हासिल की है। 72 से अधिक देशों के राजदूतों, उच्चायुक्तों ने प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर पौधे लगाए। यह प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक लीडरशिप का सबूत है और सभी भारतीयों के लिए गर्व का पल है। प्रधानमंत्री मोदी के विजन के तहत दिल्ली तेजी से हरित राजधानी बनने की ओर बढ़ रही है।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
