नैनीताल, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । उच्च न्यायालय ने ऊधमसिंह नगर की जसपुर तहसील के तीन ग्राम शिपका, मिलख शिपका और मनोरारथपुर थर्ड को राजस्व ग्राम बनाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जाधारियों का प्रार्थना पत्र निरस्त करते हुए कहा कि संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी चीफ इंजीनियर सिंचाई, चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी व पीसीसीएफ वेस्टर्न सर्किल को एक कमेटी गठित कर पीड़ितों के मामले को सुलझाकर उसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करें।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्दर की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार मनोरथपुर थर्ड निवासी मुख्यतियार सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि शिपका, मिलख शिपका व मनोरथ पुर थर्ड गांव की जमीन 1958 में तुमड़िया डैम बनने से साढ़े तीन सौ हैक्टेयर भूमि चली गयी थी। जिसके बाद इन गांवों को रिजर्व फाॅरेस्ट की भूमि दे दी गई। रिजर्व फारेस्ट की भूमि देने से अब ये गांव राजस्व ग्राम नही रहे। जिसके चलते यहां के ग्रामीणों सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल रहा है। पूर्व में केंद्र सरकार ने इन गांवों को राजस्व ग्राम बनाने की अनुमति दी गई थी। बावजूद इसके आज तक इन्हें राजस्व ग्राम घोषित नही किया गया और सरकार ने यह परमिशन 2017 में वापस ले ली। याचिकर्ताओ द्वारा यह भी कहा गया कि इन तीनो गावों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाए। —————
(Udaipur Kiran) / लता
