
नोएडा, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बुधवार दो बड़ी कंपनियों को जमीन आवंटित करने का आशय पत्र जारी किया है। उत्तर प्रदेश निवेश मित्रा के माध्यम से आरपी-संजीव गोयनका समूह ने उत्तर प्रदेश में 60 मेगावाट के कैप्टिव सोलर एनर्जी स्टोरेज (ईएसएस) प्लांट के साथ-साथ 3 मेगावाट सोलर सेल और एकीकृत सोलर इकोसिस्टम हब स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। वहीं मिंडा कॉरपोरेशन लिमिटेड अपना दूसरा प्लांट यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में लगाएगा।
आरपी संजीव गोयनका समूह के कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इसमें 3,000 करोड़ से अधिक का निवेश होगा। यह परियोजना भारत के नवीकरणीय ऊर्जा परिवर्तन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगी और साथ ही उत्तर प्रदेश को सौर ऊर्जा निर्माण में अग्रणी स्थान दिलाएगी। यह टाॅपकाॅन और पेरोव्स्काइट-टेंडेम सेल जैसी उन्नत सौर तकनीकों पर केंद्रित होगी, जिनकी दक्षता 28-30 प्रतिशत से अधिक होग। इन नवाचारों से बिजली की लागत में 10-15 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है, साथ ही भारत वैश्विक सौर अनुसंधान एवं विकास और निर्माण में अग्रणी स्थान पर आ जाएगा।
यह परियोजना फ्रेम, इनकैप्सुलेंट्स और प्रोसेस कंज्यूमेबल्स के लिए सहायक इकाइयों सहित एक मजबूत एकीकृत इकोसिस्टम का भी निर्माण करेगी। जिससे घरेलू मूल्यवर्धन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और आयातित सोलर मॉड्यूल (वर्तमान में लगभग 90 फीसद) पर भारत की भारी निर्भरता कम होगी। उनके अनुसार महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे 1,200 से ज़्यादा प्रत्यक्ष और 4,000 से ज़्यादा अप्रत्यक्ष रोज़गार पैदा होंगे, साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा और सेमीकंडक्टर उद्योगों से जुड़े उन्नत कौशल का विकास भी होगा।यह परियोजना भारत की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा में योगदान देते हुए, नवाचार, आत्मनिर्भरता और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए समूह की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि आज (यीडा) ने इकाई की स्थापना के लिए सेक्टर-8डी में 100 एकड़ ज़मीन का आशय पत्र (एलओआई) जारी किया है। उन्होंने बताया कि अब कंपनी निवेश मित्रा के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार के सामने अपना पक्ष और प्रोजेक्ट की विस्तृत डिटेल रखेगी। उच्च स्तरीय कमेटी बैठने के बाद कंपनी को जमीन आवंटित की जाएगी। यमुना विकास प्राधिकरण उसके बाद कंपनी को भूखंड उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने बताया कि उसके बाद कंपनी यहां पर अपना संयंत्र स्थापित करेगी।
उन्होंने बताया कि देश की एक और अग्रणी कंपनी मिंडा कॉर्पोरेशन लिमिटेड यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अपना दूसरा प्लांट स्थापित करने जा रही है। कंपनी यहां वायरिंग हार्नेस, क्लस्टर, सेंसर्स और कनेक्टर्स बनाएगी। कंपनी क्षेत्र में 500 करोड़ से अधिक का निवेश करेगी। सीईओ आरके सिंह ने बताया कि ग्लोबल ऑटोमोटिव वायरिंग हार्नेस की बाजार में मांग है। इसकी वाहनों में अहम भूमिका होती है। इस निवेश से शहर में करीब पांच हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। क्षेत्र में 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा, जिसमें संयंत्र और मशीनरी में निवेश 250 करोड़ रुपये से अधिक होगा। बता दें कि मिंडा का पहले सेक्टर-24 में एक प्लांट संचालित है, जिसमें कंपनी ऑटोमेटिव पार्ट्स बनाती है।
(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी
