Uttrakhand

राज्य आन्दोलनकारियों ने समेकित विकास का मॉडल अपनाने पर दिया जाेर

बैठक में उपस्थित राज्य आंदोलनकारी।

नैनीताल, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने राजधानी के स्थायी समाधान, पलायन रोकने, भूमि कानून, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों को सुलझाने के लिए क्षेत्रीय ताकतों को सत्ता के केन्द्र तक पहुंचाने और पर्यावरण के अनुकूल योजनाओं को लागू कर समेकित विकास का मॉडल अपनाने पर बल दिया है।

बुधवार को जनपद मुख्यालय के निकटवर्ती खुर्पाताल स्थित एक होटल में आयोजित हुई उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि राज्य बनने के 25 वर्ष बाद भी प्राकृतिक आपदाओं, भूकम्प, भूस्खलन और पशु व मानव जीवन की हानि जैसी समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं। अधिकारी नियमों का हवाला देकर प्रभावितों को मुआवजा देने में टालमटोल कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों का जीवन कठिन हो गया है।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि जनपद नैनीताल में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। योजनाओं का पर्वतीय भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप न होने से लाभ नहीं मिल पा रहा और संसाधनों की बर्बादी हो रही है। पलायन, बेरोजगारी, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से गाँव लगातार खाली हो रहे हैं, पर किसी की जवाबदेही तय नहीं है। यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आन्दोलनकारी मिलकर सरकार के विरुद्ध बड़ा आन्दोलन करने को बाध्य होंगे।

अध्यक्षता करते हुए प्रभात ध्यानी ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों की समस्याओं की लगातार अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

डॉ. सुरेश डालाकोटी ने संचालन करते हुए कहा कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जायेगा और एकजुट होकर बड़ा आन्दोलन किया जायेगा।

सभा को भुवन जोशी, कमलेश पाण्डे, हुकुम सिंह कुँवर, पान सिंह सिजवाली, मनमोहन कनवाल, डॉ. मनोज बिष्ट, मुकेश जोशी, शाकिर अली, जीवन नेगी, खड़क सिंह बगड़वाल, पान सिंह रौतेला, पान सिंह नेगी, लीला बोरा, रईस भाई और महेश जोशी ने भी सम्बोधित किया।

सभा में गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ के जनगीत सुनाए गये। साथ ही आंदोलनकारी जीसी उप्रेती व अन्य शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गये।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

Most Popular

To Top