
बालाघाट, 17 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में नक्सलियों की सक्रियता एक बार भी सामने आई है। यहां लांजी क्षेत्र के चौरिया गांव से मंगलवार की रात नक्सलियों ने एक ग्रामीण को अगवा कर लिया है, साथ ही हाथ से लिखे दो पर्चे छोड़े हैं, जिनमें लिखा है कि पुलिस की मुखबिरी करने पर युवक को मौत की सजा दी गई है। बालाघाट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने ग्रामीण के लापता होने और नक्सली पर्चे मिलने की पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि चौरिया गांव के देवेंद्र उर्फ धदू के अपहरण की सूचना मिली है। आशंका है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की मलाजखंड एरिया कमेटी ने उसे अगवा किया है। पुलिस देवेंद्र को मिसिंग मानते हुए उसकी तलाश में जुट गई है। वहीं मौके पर मिले हाथ से लिखे नक्सली पर्चों की विवेचना की जा रही है। उन्होंने बताया कि देवेंद्र के मिलने पर ही घटना की सही जानकारी मिल पाएगी कि यह नक्सलियों द्वारा किया गया है या फिर कुछ और घटना है।
दरअसल, गांव में जो नक्सली दो पर्चे मिले है, उसमें देवेंद्र उर्फ धदू को पुलिस मुखबिर बताया गया है। एक पत्र में लिखा है- देवेंद्र ने माओवादी पार्टी दल की जानकारी 3-4 बार पुलिस को दी थी। वह डेरा ढूंढकर पुलिस को खबर देता था। पुलिस ने ही उसे जंगल में ‘दहान’ के नाम से बैठाया था। वह पितकोना पुलिस चौकी वालों को दही-दूध भी पहुंचाता था। इन सभी आरोपों की जांच के बाद उसे ‘मौत की सजा’ दी गई है। नक्सलियों ने ग्रामीणों को पुलिस मुखबिर न बनने की चेतावनी दी है। उन्होंने पत्र में कहा है कि ऐसे मुखबिरों को अपने-अपने गांव में सुधारा जाए। वहीं, दूसरे पत्र में लिखा है- पुलिस गरीब लोगों को आपस में लड़वाकर मरवाने का काम करती है। पुलिस को सामंतवादी-साम्राज्यवादी ताकतों का रक्षक बताया गया है, जो गरीबों को लूटती है, विस्थापित करती है और विनाश करती है। इसलिए लोगों को पुलिस से दूर रहना चाहिए।
(Udaipur Kiran) तोमर
