-30 जून से 31 दिसंबर तक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
-हजारों पेंशनरों को वर्ष 2023 से मिलेगा पेंशन वृद्धि का लाभ
चंडीगढ़, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा सरकार ने अपने ऐसे कर्मचारियों को पेंशन की गणना के उद्देश्य से एक नोशनल इंक्रीमेंट देने का निर्णय लिया है, जो 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो चुके हैं या होने वाले हैं, बशर्ते उन्होंने संतोषजनक कार्य एवं आचरण के साथ एक वर्ष की अनिवार्य सेवाकाल अवधि पूरी कर ली हो।
हरियाणा के मुख्य सचिव एवं वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुरा रस्तोगी ने बुधवार को इस संबंध में एक पत्र जारी किया गया है। यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के 20 फरवरी, 2025 के आदेश और केन्द्र सरकार द्वारा 20 मई, 2025 को जारी ज्ञापन की पालना में लिया गया है। जैसा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों में खास तौर पर वर्णित है, यह वेतनवृद्धि केवल पेंशन की गणना के लिए ही देय होगी और अन्य पेंशन लाभ जैसे ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट या कम्यूटेशन पर लागू नहीं होगी।
यह लाभ हरियाणा के उन कर्मचारियों पर लागू होगा, जो 30 जून, 2006 से 30 जून, 2015 के बीच सेवानिवृत्त हो चुके हैं और जिन्होंने संतोषजनक कार्य और आचरण के साथ एक वर्ष की सेवा पूरी की है। इसके अतिरिक्त, यह लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलेगा, जो 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो चुके हैं या होने वाले हैं और जिन्होंने संतोषजनक कार्य और आचरण के साथ एक वर्ष की सेवा पूरी की है।
एक वेतनवृद्धि देकर बढ़ी हुई पेंशन मई 2023 से देय होगी। 30 अप्रैल, 2023 से पूर्व कोई भी एरियर या बकाया देय नहीं होगा। जो कर्मचारी न्यायालय चले गए थे और उनके अनुकूल निर्णय आया, उन्हें न्यायालय के निर्णय के अनुसार बढ़ी हुई पेंशन प्रदान की जाएगी। जिन मामलों में उच्च न्यायालय में अपील लंबित है, अंतिम लाभ न्यायालय के निर्णय पर निर्भर करेगा।
जो कर्मचारी छह महीने या इससे अधिक लेकिन एक वर्ष से कम सेवा पूरी करने के बाद 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि यह मामला अभी भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। राज्य सरकार ने इन मामलों में एसएलपी दायर की हैं और कई मामलों में अंतरिम स्थगन आदेश लागू है।
पेंशन का एरियर 1 मई, 2023 से देय होगा। पूर्व में किए गए अतिरिक्त भुगतान, जिसमें अवमानना कार्यवाही के तहत भुगतान शामिल है, अंतिम न्यायिक निर्णय के अधीन वसूली योग्य नहीं होंगे। सभी सबंधित विभागों और अधिकारियों को इन निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने और स्थिति को आवश्यकतानुसार न्यायालयों के संज्ञान में लाने के निर्देश दिए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
