
शिमला, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाणा, शिमला के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने चिकित्सा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यहां पहली बार फ्री फिबुला फ्लैप तकनीक से एक मरीज का जबड़े का सफल पुनर्निर्माण किया गया।
कांगड़ा जिले के थरोट गांव के 53 वर्षीय विक्रम सिंह को वर्ष 2016 में जबड़े का कैंसर हुआ था। उनका ऑपरेशन और रेडियोथेरेपी हुई थी। इसके बाद जबड़े की हड्डी का एक हिस्सा ऑस्टियोरेडियोनेक्रोसिस (हड्डी का क्षय) से प्रभावित हो गया था और एक वर्ष पहले निकालना पड़ा था। इसके बावजूद उन्हें लगातार मवाद आता रहा, मुंह खोलने में कठिनाई, भोजन करने में परेशानी और चेहरे के आकार में विकृति की समस्या बनी रही।
प्लास्टिक सर्जरी विभाग की टीम ने करीब 9 घंटे के लंबे ऑपरेशन में मरीज की टांग की पतली हड्डी (फिबुला) का हिस्सा निकालकर माइक्रोवैस्कुलर तकनीक से उसे जबड़े का आकार दिया और जबड़े की जगह जोड़ दिया। इसमें गले की नसों और रक्त वाहिकाओं को फिबुला की नसों और रक्त वाहिकाओं से जोड़ा गया। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और मरीज स्वस्थ है।
यह जटिल सर्जरी प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. नितिन कश्यप, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. निपुण शर्मा, डॉ. पुष्पिंदर सिंह, डेंटल सर्जरी से डॉ. रंगीला राम, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. विक्रम टक्कर व डॉ. मनोज मैटान और आईसीयू से डॉ. रविकांत डोगरा की टीम ने मिलकर की। इस दौरान नर्सिंग स्टाफ रामेश्वरी कंवर, सर्वोच्च शक्ति, दामिनी, शिल्पा, पूजा और ओटीए दिनेश पाठक की टीम ने सहयोग दिया।
संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुधीर ने बताया कि यह सर्जरी प्लास्टिक सर्जरी विभाग ही नहीं बल्कि पूरे एआईएमएसएस के लिए एक मील का पत्थर है। इससे अब उन मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी जिनका जबड़ा कैंसर, चोट या रेडियोथेरेपी के कारण प्रभावित होता है। अब प्रदेश के मरीजों को ऐसी जटिल सर्जरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
