Uttar Pradesh

यूपीआईटीएस-2025 में दिखेगा परंपरा और निवेश अवसरों का संगम

यूपीआईटीएस-2025 से जुड़ी फोटो

— योगी सरकार पर्यटन को बना रही है एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का इंजन

लखनऊ, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग 25 सितंबर से 29 सितंबर तक जनपद गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित होने वाले उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 (यूपीआईटीएस-2025) में एक भव्य और आधुनिक पवेलियन प्रदर्शित करेगा। इसमें प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, पर्यटन निवेश संभावनाएं और आर्थिक प्रगति को दुनिया के सामने पेश किया जाएगा।

इस बार पवेलियन को इमर्सिव और पर्यावरण-अनुकूल रूप में तैयार किया जा रहा है। इसमें डिजिटल स्टोरीटेलिंग, एआर—वीआर डिस्प्ले, ऑटो-नेविगेशन कियोस्क और सेल्फी जोन जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। सांस्कृतिक अनुभव के लिए ब्रज का मयूर नृत्य, सोनभद्र और लखीमपुर के जनजातीय नृत्य, झांसी का बुंदेली नृत्य और लखनऊ घराने की कथक प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र होंगी। यूपीआईटीएस-2025 में नीति-निर्माता, वैश्विक निवेशक, कारोबारी, शैक्षणिक प्रतिनिधि और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल सहित पर्यटन क्षेत्र की प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। इस दौरान राज्य में निवेश और पर्यटन के नए अवसरों पर व्यापक विमर्श होगा।

पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बुधवार को बताया कि इस पहल का उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र को राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में एक अहम भागीदार के रूप में प्रस्तुत करना है। पर्यटन विभाग अपने मोबाइल ऐप का प्रचार भी करेगा। ऐप के जरिए आगंतुकों को आध्यात्मिक, बौद्ध, ग्रामीण और वेलनेस पर्यटन से जुड़ी खास यात्राओं की जानकारी मिलेगी। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी), हस्तशिल्प, मंदिर वास्तुकला और ग्रामीण पर्यटन के नवाचार भी पवेलियन का हिस्सा होंगे।

निवेशकों के लिए पीपीपी-रेडी हेरिटेज प्रोजेक्ट्स, पूंजी सब्सिडी, भूमि आवंटन, टैक्स छूट और सिंगल विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाओं का विवरण उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि पवेलियन में आरामदायक लाउंज, बी-टू-बी संवाद के लिए विशेष क्षेत्र और मीडिया किट्स की व्यवस्था होगी। यह मंच निवेशकों, नीति-निर्माताओं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने का अवसर देगा।

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन को योगी सरकार ने विकसित भारत 2047 की दृष्टि के केंद्र में रखा है। यूपीआईटीएस केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का उत्सव ही नहीं होगा, बल्कि यह प्रदर्शित करेगा कि उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशकों और उद्यमियों के लिए कैसे नए द्वार खोल रहा है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि यह पवेलियन केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि एक समग्र अनुभव होगा। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और नीतिगत संवादों के माध्यम से उत्तर प्रदेश को प्रतिस्पर्धी वैश्विक पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित किया जाएगा। उनका कहना है कि इस पहल से रोजगार सृजन होगा, विरासत आय का श्रोत बनेगी और सतत पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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(Udaipur Kiran) / दीपक

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