HimachalPradesh

शिमला में कुत्तों-बंदरों के आतंक के खिलाफ नागरिक सभा का धरना, नगर निगम को ज्ञापन सौंपा

शिमला में नागरिक सभा का प्रदर्शन

शिमला, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । शिमला नागरिक सभा ने बुधवार को शहर में बढ़ते कुत्तों और बंदरों के आतंक के खिलाफ नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया और आयुक्त नगर निगम को ज्ञापन सौंपा। सभा के अध्यक्ष जगमोहन ठाकुर ने कहा कि शिमला शहर में आए दिन कुत्ते और बंदर खासकर महिलाओं और बच्चों पर हमला कर रहे हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि सुबह-शाम सैर करने, स्कूल जाने वाले बच्चों और अस्पताल-कार्यालय जाने वाले लोगों को हर समय खतरा बना रहता है। इस स्थिति से निपटने के लिए नगर निगम को ठोस नीति बनानी होगी।

नागरिक सभा के सचिव ने कहा कि शिमला नागरिक सभा आम लोगों का संगठन है और लगातार जनता की समस्याओं को उठाता है। उन्होंने कहा कि नगर निगम को इसके लिए अलग से बजट बनाना चाहिए। खूंखार कुत्तों को हट बनाकर शहर से बाहर रखा जाए और कुत्तों-बंदरों की नसबंदी बड़े स्तर पर की जाए।

सभा ने कहा कि जुलाई में लगभग 250 और अगस्त में 300 से अधिक लोगों को कुत्तों, बंदरों और लंगूरों ने काटा। कई मामलों की जानकारी दर्ज भी नहीं हो पाती। इससे न केवल स्थानीय लोग परेशान हैं बल्कि पर्यटकों की सुरक्षा पर भी खतरा है और शिमला नगर निगम की छवि देश-विदेश में खराब हो रही है।

प्रदर्शनकारियों ने मांग रखी कि खूंखार कुत्तों के लिए शहर से बाहर हट बनाए जाएं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू किया जाए, कुत्तों को बेतरतीब खाना खिलाने वालों पर कार्रवाई हो, शहर में सीसीटीवी लगाए जाएं, बंदरों को भगाने के लिए यंत्र लगाए जाएं और वैज्ञानिक तरीके से उनकी संख्या कम की जाए। साथ ही कुत्तों-बंदरों के काटने पर पीड़ित को एक लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।

सभा ने यह भी कहा कि कुत्ते पालने वालों के लिए सख्त नियम बनाए जाएं और सभी का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए। आवारा कुत्तों को गोद लेने वालों के लिए भी नियम तय हों।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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