
सुरों में गायन तो कहीं रंगों की रंगोली में दिखी प्रतिभा
हिसार, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
में अधिष्ठाता छात्र कल्याण की ओर से दो दिवसीय प्रतिभा खोज प्रतियोगिताओं का शुभारंभ
अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. एमके शर्मा ने किया। कार्यक्रम का आयोजन निदेशक कल्चरल
अफेयर्स डॉ. तरुणा के मार्गदर्शन और निर्देशन में हुआ। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय
के नवोदित छात्र-छात्राओं ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं।
इस अवसर पर प्रो. एमके शर्मा ने बुधवार काे कहा कि कला और सृजन जीवन में आनंद और हर्ष
अभिव्यक्ति का साधन हैं। प्रतिभा खोज कार्यक्रम प्रतिभाओं को आगे लाने में बेहद कारगर
सिद्ध होते हैं क्योंकि ये प्रारम्भिक मंच होता है और इस पर नए विद्यार्थी प्रदर्शन
के दौरान बहुत कुछ दूसरों से भी सीखते हैं। साथ ही विद्यार्थी बड़े मंच पर प्रस्तुतियां
देने में पारंगत होते हैं।
डॉ. तरुणा ने कार्यक्रम के उद्देश्य से सभी को अवगत करवाते हुए कहा कि प्रति
वर्ष विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं बेहतर और उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए बेहतरीन
प्रस्तुतियां देने में सक्षम दिखाई देते हैं। आज पहले दिन मोनो एक्टिंग, भाषण, क्ले
मॉडलिंग, पोस्टर मेकिंग, गायन, वादन की प्रतियोगिताएं करवाई गई। म्यूजिक के गायन, वादन
में डॉ. संध्या शर्मा, प्रो. आराधिता व संगीतकार
गोल्डी ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
एलूक्शन (भाषण) के अंतर्गत दिए गए विकसित भारत @2047, मेरा दृष्टिकोण और कृत्रिम
बुद्धिमत्ता, वरदान या अभिशाप, विषय पर छात्र-छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त किए। भाषण
में डॉ. मनोज छाबड़ा, प्रो. सविता उबा, डॉ. सुनयना ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
पोस्टर मेकिंग और मिट्टी की आकृतियों में विभिन्न भाव और रंग उकेरते हुए कई
सुंदर कृतियां बच्चों ने बनाई। फाइन आर्ट की गतिविधियों में प्रो. मीनाक्षी भाटिया,
प्रो. जसविंद्र व डॉ. मनोज छाबड़ा ने निर्णायक की भूमिका निभाई। कार्यक्रम के संयोजन
में एडीएसडब्ल्यू डॉ. विक्रमजीत, डिप्टी डायरेक्टर कल्चरल अफेयर्स डॉ. गीतू, सहयोगी
टीम सदस्यों में डॉ. सुनयना, डॉ. साक्षी, डॉ. सोनिका, डॉ. रविंद्र, कल्चरल सुपरवाइजर
डॉ. सुखदास और डीएसडब्ल्यू की पूरी टीम का योगदान सराहनीय रहा।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
