
हुगली, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । हुगली ज़िले के तारकेश्वर थाने की एक महिला पुलिस अधिकारी पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप सामने आया है। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में दाखिल रिपोर्ट ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में जांच रिपोर्ट जमा की है। रिपोर्ट में स्वीकार किया गया है कि संबंधित महिला अधिकारी ने वाकई रिश्वत की मांग की थी। हालांकि सरकारी वकील का कहना है कि अधिकारी ने रिश्वत ली नहीं थी। इस कारण उन्हें सिर्फ चेतावनी दी गई है और विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।
मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान रिपोर्ट देखने के बाद न्यायमूर्ति ने सवाल उठाया, “सिर्फ विभागीय कार्रवाई क्यों? बर्खास्तगी क्यों नहीं? जब कोई पुलिस अधिकारी पैसे मांगता है, तो जनता पुलिस पर भरोसा कैसे करेगी? यह सरकार की क्या नीति है कि पुलिस पैसे मांगे और नौकरी बरकरार रहे?”
अदालत ने इस मामले में पुलिस को 19 सितंबर को नई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
शिकायतकर्ता बिल्टू हाजरा नामक एक इंजीनियर हैं। बुधवार को उन्होंने (Udaipur Kiran) को बताया कि उनका अपने पड़ोसी के साथ विवाद हुआ था। उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे पड़ोसी ने उनके खिलाफ महिला संबंधी मामला दर्ज कराया।
इसके बाद जांच अधिकारी ने कथित तौर पर फोन पर भारी रकम रिश्वत के रूप में मांगी। बिल्टू हाजरा ने वह बातचीत रिकॉर्ड कर ली और फिर हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया।
पहले जस्टिस तीर्थंकर घोष की सिंगल बेंच ने मामले में एक आदेश दिया था, लेकिन उससे असंतुष्ट होकर उन्होंने डिवीजन बेंच में मामला दायर किया।
उल्लेखनीय है कि बंगाल पुलिस पर पहले भी रिश्वतखोरी के कई आरोप लग चुके हैं। इसी तरह हाल ही में दिल्ली पुलिस पर भी किस्तों में घूस लेने का आरोप लगा था। उस मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दो कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार किया। आरोप है कि उन्होंने एक महिला से 11 हज़ार रुपये “डाउन पेमेंट” के तौर पर लिए और बाद में हर महीने किस्तों में रिश्वत लेते रहे।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
