प्रदेश सरकार ने नहीं दी मंजूरी
चंडीगढ़, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा सरकार ने एंटी क्रप्शन ब्यूरो को आईएएस अधिकारी के विरूद्ध भ्रष्टाचार का केस चलाने की मंजूरी नहीं दी है।
आईएएस जयवीर आर्य को महिला अधिकारी का तबादला किए जाने के लिए तीन लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा गया था। इसी केस में कार्रवाई को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो ने सरकार से परमिशन मांगी थी।
वर्ष 2023 में करनाल में वेयरहाउसिंग की जिला प्रबंधक रिंकू हुड्डा के पति ने एंटी करप्शन ब्यूरो को दी शिकायत में बताया कि उनकी पत्नी कुरुक्षेत्र में पोस्टिंग चाहती थीं, जिसके लिए हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के एमडी जयवीर सिंह आर्य ने 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। शिकायत के अनुसार, पंचकूला स्थित कार्यालय में तैनात जीएम स्तर के अधिकारी संतोष बंसल के माध्यम से 3 लाख रुपए में रिश्वत की डील हुई। संतोष बंसल ने पूरी सेटिंग कराई। पानीपत में तैनात कर्मचारी संदीप घनघस ने रिश्वत के लिए रिंकू हुड्डा से संपर्क किया। 12 अक्टूबर 2023 को जैसे ही एक दुकानदार के पास पैसे रखे गए तो एसीबी ने मनीष शर्मा को पकड़ लिया। एसीबी ने 12 अक्टूबर को ही जयवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। नवंबर 2023 में जयवीर आर्य को कोर्ट से नियमित जमानत मिल गई थी। वह करीब डेढ़ महीने जेल में रहे।
फरवरी 2024 में हरियाणा के तत्कालीन एडवोकेट जनरल ने सरकार से जयवीर सिंह के केस में कानूनी राय मांगी। अब सरकार की तरफ से इसका जवाब आया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17-ए के तहत आईएएस अधिकारी पर रेड करने से पहले किसी तरह की परमिशन नहीं ली गई थी। इसलिए जयवीर सिंह पर केस चलाने की अनुमति नहीं जा सकती।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
