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नितिन गडकरी ने किया ‘दीपस्तम्भ’ पुस्तक का विमोचन, कहा- संघ समाज में आमूलचूल परिवर्तन लाया

नितिन गडकरी ने किया ‘दीपस्तम्भ’ पुस्तक का विमोचन
नितिन गडकरी ने किया ‘दीपस्तम्भ’ पुस्तक का विमोचन
नितिन गडकरी ने किया ‘दीपस्तम्भ’ पुस्तक का विमोचन

नई दिल्ली, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने हिंदुत्व के आधार पर राष्ट्रीय विचारधारा को बढ़ावा देकर सामर्थ्यशाली, समृद्ध और संपन्न राष्ट्र निर्माण की भावना को देश के प्रत्येक व्यक्ति में प्रज्वलित किया। संघ से जुड़े लोगों ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए कार्य किया, जिसमें भारतीय मजदूर संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद और वनवासी कल्याण आश्रम जैसे संगठनों की स्थापना शामिल है। संघ की विचारधारा समता, बंधुत्व और स्वावलंबन पर आधारित है, और यह समाज से जाति व्यवस्था को समाप्त करने के लिए दशकों से काम कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने यह बात यहां हिंदी विवेक मासिक पत्रिका द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘दीपस्तम्भ’ का विमोचन करते हुए कही। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार टोली सदस्य मुकुल कानिटकर और हिंदुस्थान प्रकाशन संस्था के अध्यक्ष रमेश पतंगी भी मौजूद रहे। गडकरी ने कहा कि ‘दीपस्तम्भ’ का प्रतीकात्मक महत्व समुद्र में जहाजों को दिशा दिखाने वाले दीपस्तम्भ जैसा है, जो समाज को सही दिशा प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि संघ की कार्यपद्धति सामान्य व्यक्ति को असाधारण कार्य करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव आता है। उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने समाज के असंगठित और विभाजित होने को देश की कमजोरी माना और व्यक्ति निर्माण के जरिए संगठित समाज की नींव रखी।

उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों और कोऑपरेटिव बैंकों के माध्यम से प्रमाणिकता के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया गया। उन्होंने किसान संगठन की स्थापना का जिक्र किया, जिसने गांव-गांव में गरीब किसानों और मजदूरों की प्रगति के लिए कार्य किया। संघ की कार्यपद्धति लंबी और व्यापक है, लेकिन इसके मूल में समता, बंधुत्व और स्वावलंबन जैसे विचार हैं, जिन्हें साकार करने के लिए लाखों कार्यकर्ता देशभर में कार्यरत हैं।

उन्होंने कहा कि संघ की शाखाओं और कार्यस्थलों पर किसी की जाति या धर्म नहीं पूछा जाता। व्यक्ति अपनी जाति, भाषा या धर्म से नहीं, बल्कि अपने कार्यों और दायित्वों से बड़ा होता है। गडकरी ने बताया कि संघ ने समाज से जाति व्यवस्था को समाप्त करने के लिए दशकों तक कार्य किया है और यह कार्य आज भी जारी है।

मुकुल कानिटकर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से भारतीय समाज को जागृत करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने एक अमेरिकी शोध का हवाला देते हुए बताया कि जहां अमेरिका में लोग औसतन 18 नींद की गोलियां खाकर सोते हैं, वहीं भारत में हिंदू समाज सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सोया हुआ है। संघ ने इस सोए हुए समाज को जागृत करने का बीड़ा उठाया और यह कार्य अनवरत रूप से जारी रखा है।

उन्होंने कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष में है, और 100 साल पहले शुरू हुई इस यात्रा का प्रतीक ‘दीपस्तम्भ’ ग्रंथ में देखा जा सकता है। इस पुस्तक में संघ के मुख्यालय के गेट का चित्र छापा गया है, जो उस स्थान को दर्शाता है जहां डॉ. हेडगेवार ने कुछ बच्चों के साथ खेल-खेल में संगठन की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि उस समय शायद किसी को नहीं पता था कि यह छोटा सा प्रयास एक विशाल वटवृक्ष का रूप लेगा।

रमेश पतंगी ने कहा कि संघ के शताब्दी वर्ष में ‘दीपस्तम्भ’ जैसे ग्रंथों का प्रकाशन महत्वपूर्ण है। धर्म भारत की आत्मा है और समाज का धर्म और राष्ट्रवाद एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने संघ के सौ साल के कार्य को धर्म जागरण का पर्याय बताया।

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(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर

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