Uttar Pradesh

नशा, मानसिक रोग और भावनात्मक कमजोरी सबसे बड़ी चुनौती: कुलपति

विश्व आत्महत्या रोकथाम समापन पर कुलपति को सम्मानित करते हुए
विश्व आत्महत्या रोकथाम का समापन पर छात्रों के साथ कुलपति

जौनपुर,16 सितम्बर (Udaipur Kiran) । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग एवं वेलनेस सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह का समापन मंगलवार को संकाय भवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में हुआ। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया और युवाओं को सकारात्मकता के साथ जीवन जीने का संदेश दिया गया। कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि आज की सबसे बड़ी समस्याओं में नशाखोरी, मानसिक रोग और भावनात्मक कमजोरी शामिल है, जिनसे जूझते हुए कई लोग कठिन समय को नहीं झेल पाते। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नशे से दूर रहें, मानसिक रूप से मजबूत बनें और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना सीखें।

उन्होंने कहा कि नकारात्मकता से बचने के लिए योग और प्राणायाम बेहद प्रभावी साधन हैं। ऐसे अभ्यास व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों में भी संतुलित निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं। युवाओं को जीवन के उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए और आत्महत्या जैसे शब्द को अपने जीवन से हमेशा के लिए मिटा देना चाहिए।

इस अवसर पर स्व. उमानाथ सिंह राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य प्रो. डॉ. रुचिरा सेठी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से परफेक्ट नहीं हो सकता। चुनौतियों से डरने की बजाय उन्हें स्वीकार कर साहस के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के युवा अक्सर छोटी-छोटी बातों पर मानसिक तनाव में आ जाते हैं, जबकि ज़रूरी है कि कार्य को समर्पण के साथ करें और परिणामों को सहजता से स्वीकारें।

जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र ने भी युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी और संवाद की महत्ता पर बल दिया। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय प्रताप सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया एवं डॉ. दिग्विजय सिंह ने आभार जताया।संचालन डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव ने किया। समारोह में डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अन्नू त्यागी, डॉ. अमित मिश्र, अर्पित यादव, पंकज सिंह सहित कई छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

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