
जयपुर, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । जयपुर। 10 साल बाद भी इंदिरा गांधी नगर विस्तार योजना को लेकर अधिग्रहित जमीन के पट्टे किसानों को नहीं मिल पा रहे है। हाउसिंग बोर्ड की अनदेखी के चलते किसानों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हाउसिंग बोर्ड खातीपुरा स्टेशन के नजदीक दांतली और एक अन्य गांव से लगती जमीन पर इंदिरा गांधी नगर विस्तार के नाम से योजना लेकर आया था। इस योजना के लिए साल 2014 में जमीन अधिग्रहित की थी। इस योजना के लिए 314 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई थी। जमीन अधिग्रहण करने के 10 साल बाद भी हाउसिंग बोर्ड अधिग्रहित जमीन के बदले किसानों को भूखंडों के पट्टे जारी नहीं कर पाया। हाउसिंग बोर्ड द्वारा किसानों को अधिग्रहित जमीन के बदले 20 प्रतिशत आवासीय और 5 प्रतिशत वाणिज्यक भूमि के पट्टे जारी करने थे। जब तक जमीन थी किसान इसमें खेती कर अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे थे, लेकिन अब उनके सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। हाउसिंग बोर्ड से किसानों को आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिल पा रहा है।
दो साल से अधिक समय नहीं हुई एलएनसी की बैठक
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दो साल से अधिक समय से एलएनसी की बैठक नहीं हुई है। इस बैठक में किसानों को पट्टे जारी करने को लेकर फैसला किया जाना था। इस कमेटी में यूडीएच सेक्रेटरी, हाउसिंग बोर्ड आयुक्त, डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, इंजिनियर सहित अन्य अधिकारी शामिल होते है। इसके अलावा पिछले दिनों सरकार ने वाणिज्यक पट्टों को लेकर एक आदेश जारी किया था। इस में आदेश में किसानों को वाणिज्यक पट्टे लॉटरी सिस्टम से जारी करने की बात कहीं गई थी। इस आदेश का किसान विरोध कर रहे है। आवासीय के साथ वाणिज्यक पट्टे बिना लॉटरी के पूर्व की भांति दिए जाएं। इनका कहना है कि इस योजना की कुछ जमीन को रेलवे ने अधिग्रहण कर लिया। रेलवे से भी मुआवजे को लेकर विवाद चल रहा है। पिछले दिनों जारी सरकार द्वारा जारी आदेश से चलते किसान विरोध में उतर आए है।
हाउसिंग बोर्ड के चीफ इंजिनियर, प्रथम अमित अग्रवाल के अनुसार जल्द ही सबका समाधान कर किसानों को पट्टे जारी किए जाएंगे। योजना के लिए किसानों की 1257 बीघा जमीन अधिग्रहित की गई है। हालांकि कुल पट्टों में से एक तिहाई पट्टे किसानों को जारी किए जा चुके है।
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(Udaipur Kiran) / राजेश
