RAJASTHAN

सिंघानिया विश्वविद्यालय को राहत

सिंघानिया युनिवर्सिटी

झुंझुनू, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आदेश को खारिज कर राजस्थान में झुंझुनू जिले के बड़ी पचेरी गांव में संचालित सिंघानिया विश्वविद्यालय के पीएचडी कार्यक्रमों को तत्काल प्रभाव से बहाल कर दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सिंघानिया विश्वविद्यालय को पूर्व में पीएचडी शोधकर्ताओं को स्वीकार करने से रोक दिया था।

कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को यूजीसी अधिनियम या इसके विनियमों के अंतर्गत पीएचडी नामांकन पर पांच वर्षों का प्रतिबंध करने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं था। न्यायालय ने निर्धारित किया कि यह दंड अल्ट्रा वायर्स (कानूनी शक्तियों से परे) था और इसलिए कानून की दृष्टि में शून्य था। न्यायालय ने 16 जनवरी 2025 की उस सार्वजनिक अधिसूचना को भी खारिज कर दिया जिसमें छात्रों को सिंघानिया विश्वविद्यालय के पीएचडी कार्यक्रमों में नामांकन करने से रोकने की सलाह दी गई थी।

सिंघानिया यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने कहा है कि सिंघानिया यूनिवर्सिटी ने हमेशा पारदर्शी, कठोर और छात्र-केंद्रित अकादमिक प्रक्रियाओं में विश्वास रखा है। माननीय न्यायालय का निर्णय हमारे दृष्टिकोण को मान्यता देता है और हमें ज्ञान और अनुसंधान के केंद्र के रूप में सेवा जारी रखने की अनुमति देता है।

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(Udaipur Kiran) / रमेश

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