Madhya Pradesh

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने मुरैना में बैठक आयोजित की

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने मुरैना में बैठक आयोजित की

मुरैना, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य निवेदिता शर्मा एवं ओमकार सिंह मरकाम ने मंगलवार को मुरैना जिला मुख्यालय में बाल अधिकार संरक्षण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, जनजातीय कार्य और आवासीय विद्यालयों में रह रहे छात्र-छात्राओं के हितों की रक्षा हेतु आवश्यक निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि समस्त हॉस्टल, छात्रावास, आश्रम शालाएं एवं आवासीय विद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से शीघ्र कराया जाए।

इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह डाबर, अपर कलेक्टर अश्विनी कुमार रावत, डिप्टी कलेक्टर प्रतिज्ञा शर्मा, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी ओ.पी. पांडे, तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, जनजातीय कार्य, श्रम, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं बाल देखरेख संस्थाओं के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में श्रीमती निवेदिता शर्मा ने कहा कि बच्चों को असुरक्षित स्पर्श की पहचान करना सिखाना और उसका विरोध करने हेतु जागरूक बनाना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने पॉक्सो अधिनियम 2012 के अंतर्गत बालकों की सुरक्षा एवं संरक्षण के संबंध में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।उन्होंने कहा कि बच्चों को पॉक्सो अधिनियम, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 एवं इसके अंतर्गत मिलने वाली सहायता के बारे में जानकारी दी जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के समन्वय से विद्यालयों में कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए, जिससे बच्चों को उनके अधिकारों एवं संरक्षण के उपायों की जानकारी मिल सके।

उन्होंने श्निरामय योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रत्येक संस्थान में ‘मेडिकल डे’ निर्धारित करने के निर्देश दिए। साथ ही, शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रम एवं जनजातीय कार्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा भी की गई।उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जिले की समस्त संस्थाएं जो बच्चों की देखरेख करती हैं या आवासीय विद्यालय संचालित करती हैं, वे अपने समस्त कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराएं। कोई भी संस्था, जो विभागीय मान्यता प्राप्त नहीं है, उसका संचालन नहीं किया जाएगा।पॉक्सो मामलों की जांच त्वरित की जाए तथा पीडि़त बच्चों का शीघ्र मेडिकल परीक्षण कराया जाए।

आवश्यकता पड़ने पर रेडियोलॉजिस्ट एवं मनोचिकित्सक की सेवाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं। पीडि़त बालकों को ’’पीडि़त प्रतिकर योजना’’ के अंतर्गत सहायता उपलब्ध कराए जाने के निर्देश भी दिए गए। मुरैना जिले में अब तक दत्तक ग्रहण के 13 प्रकरण स्वीकृत हुए हैं, जिनके माध्यम से 13 बच्चों को नए परिवार मिले हैं।

‘आफ्टर केयर’ योजना के अंतर्गत एक बालिका को आईटीआई एवं बीएसडब्ल्यू पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिलाया गया है। एक बालक, जिसने बालगृह में रहते हुए 18 वर्ष की आयु पूर्ण की, होटल मैनेजमेंट का कोर्स पूर्ण कर अब भोपाल के एक होटल में कार्यरत है। गैर-संस्थागत योजनाएं, जैसे कि स्पॉन्सरशिप योजना के अंतर्गत मुरैना जिले में 400 से अधिक प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल ड्रॉपआउट बच्चों की समीक्षा की गई और उन्हें पुनः विद्यालय में प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए गए। श्रम एवं आदिम जाति कल्याण विभाग से भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की गई।

हिन्‍दुस्‍थान समाचार/उपेंद्र

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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा

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