Haryana

सोनीपत: डीसीआरयूएसटी में युवा आर्किटेक्ट्स को उद्यमिता अपनाने का आह्वान

14 Snp-  सोनीपत: कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह

सोनीपत, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । दीनबंधु

छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के आर्किटेक्चर विभाग ने काउंसिल

ऑफ आर्किटेक्चर और एमएसएमई के सहयोग से एक दिवसीय कार्यक्रम क्षितिज की खोज: वास्तुकला

में स्नातक उपरांत अवसर का सफल आयोजन किया।

कार्यक्रम

का शुभारंभ डॉ. मनोज पंवार ने उद्यमिता के महत्व और आर्किटेक्चर व्यवसाय में इसकी भूमिका

पर प्रकाश डालते हुए किया। मुख्य आकर्षण कुलगुरु प्रो. प्रकाश सिंह का संबोधन रहा।

उन्होंने कहा कि आज उद्यमिता केवल व्यवसाय शुरू करने का माध्यम नहीं, बल्कि नवाचार,

जोखिम लेने और समस्या समाधान की वह भावना है जो औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता

को गति देती है।

प्रो.

सिंह ने कहा कि आर्किटेक्चर समुदाय भारत के भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभा

सकता है, खासकर जब देश प्रधानमंत्री के विजन 2047 की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने

युवाओं से आह्वान किया कि वे सतत शहरी विकास का नेतृत्व करें, समावेशी स्थानों का निर्माण

करें और उद्यमशील सोच अपनाकर भारत को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाएं। उन्होंने कहा कि मेक

इन इंडिया को सफल बनाने में युवा आर्किटेक्ट्स की बड़ी भूमिका है।

कार्यक्रम में काउंसिल

ऑफ आर्किटेक्चर के उपाध्यक्ष आ. गजानंद राम ने कहा कि आर्किटेक्चर में उद्यमिता का

अर्थ है ऐसे समाधान तैयार करना जो नवाचार को जिम्मेदारी से जोड़ें और समाज को केंद्र

में रखें। एस.पी.ए. विजयवाड़ा के निदेशक प्रो. रमेश श्रीकोंडा ने आर्किटेक्ट्स को स्थिरता

और तकनीकी एकीकरण अपनाने पर बल दिया। एमएसएमई के अतिरिक्त विकास आयुक्त संजीव चावला

ने पीएमईजीपी और मुद्रा जैसी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। डॉ.

पंवार ने आर्किटेक्ट्स की सफलता की कहानियाँ साझा कर छात्रों को उद्यमिता की ओर प्रेरित

किया। इस अवसर पर विभाग के अधिष्ठाता प्रो. परवीन कुमार, प्रो. रवि वैश, प्रो. विजय

कुमार व डॉ. सतपाल मौजूद रहे। अंत में स्नेह ने सभी का आभार जताया।

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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना

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