
कोलकाता, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन घोटाले में आरोपित पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को मंगलवार को विशेष सीबीआई अदालत से राहत मिली। अदालत ने गैर-शिक्षण ग्रुप सी कर्मचारियों की नियुक्ति में अनियमितताओं से जुड़े मामले में उन्हें 90 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।
हालांकि यह जमानत चटर्जी की जेल से रिहाई का रास्ता फिलहाल साफ नहीं करती। उनकी रिहाई अब कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस फैसले पर निर्भर करेगी, जो प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े मामले में उनके जमानत आवेदन पर सुरक्षित रख लिया गया है। इस मामले की सुनवाई सोमवार को न्यायमूर्ति सुव्रा घोष की एकल पीठ ने पूरी की थी।
पार्थ चटर्जी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय ने कई मामले दर्ज किए हैं। इन एजेंसियों ने उन्हें पूरे स्कूल भर्ती घोटाले का मुख्य सूत्रधार बताया है।
यह कथित घोटाला कुल छह हिस्सों में बंटा है। इनमें माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां (पहले तीन हिस्से) शामिल हैं, जिन्हें पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन ने संचालित किया। चौथा हिस्सा प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों से जुड़ा है, जिसकी जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन की थी। वहीं पांचवां और छठा हिस्सा ग्रुप सी और ग्रुप डी के गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती से जुड़ा है।
अभी तक अदालतों ने पार्थ चटर्जी को सभी अन्य मामलों में जमानत दे दी है, लेकिन प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों से जुड़े मामले में उन्हें अब तक राहत नहीं मिली है। इसी वजह से वह अब भी जेल में बंद हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
