
नई दिल्ली, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । हाई क्वालिटी और लो सल्फर वाले मेटलर्जिकल कोक बनाने वाली कंपनी नीलाचल कार्बो मेटलिक्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में कमजोर एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 85 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 20 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 68 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद लिवाली के सपोर्ट से इस शेयर की चाल में तेजी आई, जिससे थोड़ी ही देर में ये 71.40 रुपये के अपर सर्किट लेवल तक पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में अपर सर्किट लगने के बावजूद कमजोर लिस्टिंग के कारण कंपनी के आईपीओ निवेशक अभी भी 16 प्रतिशत के नुकसान में हैं।
नीलाचल कार्बो मेटलिक्स का 56.10 करोड़ रुपये का आईपीओ 8 से 9 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 5.06 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 4.56 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 5.55 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 22.10 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 40 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ के तहत नए शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी कोक ओवन प्लांट लगाने, मौजूदा प्लांट का आधुनिकीकरण करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत में उतार चढ़ाव होता रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 14.82 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 15.82 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इसके बाद 2024-25 में कंपनी का शुद्ध लाभ गिर कर 14.02 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी के राजस्व में भी गिरावट दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 268.46 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई, जो वित्त वर्ष 2023-24 में गिरकर 267.13 करोड़ रुपये के स्तर पर और वित्त वर्ष 2024-25 में 202.79 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गई।
इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में भी उतार चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 18.84 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ होकर 26.14 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज घट कर 23.55 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो यह वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 26.14 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 41.95 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 55.97 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक
