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स्टॉक मार्केट में कार्बनस्टील की जोरदार एंट्री, लिस्टिंग के बाद लगा अपर सर्किट

कार्बनस्टील की मजबूत लिस्टिंग के बाद लगा अपर सर्किट

नई दिल्ली, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । स्टील के भारी-भरकम प्रोडक्ट्स तैयार करने वाली कंपनी कार्बनस्टील इंजीनियरिंग के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में मजबूत एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 159 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 16.42 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 185.10 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद लिवाली के सपोर्ट से इस शेयर की चाल में और तेजी आ गई, जिससे थोड़ी ही देर में ये 194.35 रुपये के अपर सर्किट लेवल तक पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 22.23 प्रतिशत का मुनाफा हो चुका है।

कार्बनस्टील इंजीनियरिंग का 59.30 करोड़ रुपये का आईपीओ 9 से 11 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से शानदार रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 76.59 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 121.61 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 85.99 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 46.84 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 48.33 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 6.90 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ के तहत नए शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी अंबरगांव फैसिलिटी में नया शेड तैयार करने, अपने पुराने कर्ज को कम करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 5.11 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 9.42 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 14.16 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 32 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 273.91 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज का बोझ भी लगातार बढ़ता गया। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 48.52 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ होकर 59.83 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज उछल कर 78.55 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो यह वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 23.74 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 38.41 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 49.27 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक

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