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डूसू का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को हाई कोर्ट की चेतावनी, नियमों और दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

Delhi High Court (File photo)

नई दिल्ली, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को चेतावनी दी है कि अगर नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया गया तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर कल यानि 16 सितंबर को भी सुनवाई करेगा।

आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि डूसू के चुनाव में छात्र संगठनों की बड़ी भूमिका है। कोर्ट ने छात्र संगठनों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने उम्मीदवारों को निर्देश दें कि वो नियमों का पालन करें। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस और दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि कोई उल्लंघन या संपत्तियों का विरुपण नहीं किया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि क्या दिल्ली पुलिस को कार्रवाई के लिए कोर्ट के आदेश की जरुरत होगी।

बता दें कि कोर्ट ने 10 सितंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव के दौरान संपत्तियों के विरुपण और ट्रैफिक जाम जैसी परेशानियों से बचने के लिए सख्त कदम उठाए। कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया था कि वो डूसू चुनाव के दौरान उठाये जाने वाले कदमों के संबंध में हलफनामा दाखिल करे। बता दें कि डूसू का चुनाव 18 सितंबर को नियत किया गया है।

उच्च न्यायालय वकील प्रशांत मनचंदा की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें कहा गया है कि डूसू के चुनाव प्रचार में नियम-कायदों की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। चुनाव के दौरान दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रोपर्टी एक्ट, लिंगदोह कमेटी की अनुशंसाओं और डूसू कोड ऑफ कंडक्ट का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि प्रत्याशी ट्रैक्टर, वाहनों, रैलियों और रोड शो के जरिये प्रचार कर अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के पक्ष में फोटोग्राफ और वीडियो भी लगाया है। फोटो और वीडियो देखने के बाद उच्च न्यायालय ने कहा कि ये साफ दिख रहा है कि डूसू चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवार कैसे सभी मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने पहले भी याचिका दायर किया था जिसमें डूसू चुनाव के दौरान संपत्ति के विरुपण को रोकने की मांग की गई थी। 2024 में मनचंदा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने काफी सख्त रवैया अपनाया था और डूसू के मतदान की मतगणना तब तक रोक दी गई थी जब तक विरुपित किए गए स्थानों को साफ नहीं कर लिया गया।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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