
नई दिल्ली, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में कर्नाटक के तत्कालीन अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री के परिजनों और करीबी सहयोगियों के 16 ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों रुपये की सरकारी धनराशि के गबन से जुड़े आपत्तिजनक दस्तावेज, संपत्ति के कागजात, बैंक स्टेटमेंट और वाहनों से संबंधित विवरण बरामद किए। यह कार्रवाई कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड (वाल्मीकि कॉरपोरेशन) से फंड की हेराफेरी के मामले में हुई। सीबीआई के अनुसार, मामला 03 जून 2024 को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के डीजीएम की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिसमें 21 फरवरी से 06 मई 2024 के बीच निगम के खातों से 84.63 करोड़ रुपये के अवैध ट्रांसफर और धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। इस जांच की निगरानी कर्नाटक हाई कोर्ट कर रहा है और अब तक सीबीआई चार स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर चुका है। जांच के दौरान सामने आया कि अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग और कर्नाटक जर्मन टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (केजीटीटीआई) की धनराशि का भी गबन हुआ। अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के 2.17 करोड़ रुपये बेंगलुरु स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा से निकाले गए और मंत्री के करीबी सहयोगी की निजी फर्म में ट्रांसफर किए गए। इसमें से लगभग 1.20 करोड़ रुपये मंत्री की बहन, बहनोई और निजी सहायक के खातों में भेजे गए, जबकि कुछ राशि बेल्लारी स्थित एक फार्महाउस मालिक को दी गई। इसी तरह केजीटीटीआई के 64 लाख रुपये केनरा बैंक, विल्सन गार्डन ब्रांच, बेंगलुरु से निकालकर मंत्री के करीबी सहयोगी के भाई और भतीजे के खातों में ट्रांसफर किए गए। छापेमारी जिन लोगों पर हुई, उनमें बी. शारदा (मंत्री की बहन), डी. भरानी प्रसाद (बहनोई), के. विश्वनाथ (निजी सहायक), नेक्कांति नागराज (करीबी सहयोगी व धनलक्ष्मी एंटरप्राइजेज के मालिक), एन. रविकुमार (नागराज के भाई) और एन. यशवंत चौधरी (नागराज के भतीजे) शामिल हैं। मामले की जांच जारी है। —————
(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर
