
बिलासपुर, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की राजधानी रायपुर में ईओडब्ल्यू एसीबी कोर्ट में पेशी हुई। वहीं, शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू एसीबी की तरफ से प्रोडक्शन वारंट को लेकर उन्हें प्रोड्यूस करने और अरेस्ट करने की मांग को लेकर आवेदन लगाया गया था। वहीं इस गिरफ्तारी से राहत को लेकर चैतन्य बघेल की तरफ से अपने अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिया के माध्यम से शुक्रवार को एक अग्रिम जमानत याचिका लगाकर जल्द सुनवाई की मांग को लेकर आवेदन पेश किया गया था, जिसे हाइकोर्ट ने स्वीकार करते हुए सोमवार को सुनवाई की।
अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिया ने बताया कि ईओडब्ल्यू एसीबी ने चैतन्य की पूछताछ के लिए आवेदन किया था। इसी आधार पर उन्हें 12 और 13 सितंबर को पूछताछ की अनुमति दी गई थी। वहीं गिरफ्तारी के लिए आवेदन पेश किया गया था। हमें पहले से इसका अंदेशा था कि ईओडब्ल्यू उन्हें गिरफ्तार कर सकती है, जिसके चलते चैतन्य ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए बीती शुक्रवार याचिका दायर की थी। इस मामले के जल्द सुनवाई को लेकर के आवेदन भी दिया था। आवेदन को स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट सोमवार को इस मामले में निर्धारित की गई। जिस पर कोर्ट ने स्पेशल अदालत में अग्रिम जमानत याचिका लगाने की राहत दी है। एसीबी की गिरफ्तारी की आशंका को लेकर लगाई गई अग्रिम जमानत याचिका की विरुद्ध शासन की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक शर्मा ने जमानत को लेकर पक्ष रखा। न्यायालय ने माना एसीबी की स्पेशल कोर्ट के बजाए सीधे हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका, इसलिए सुनवाई नहीं हो सकती, लेकिन गुण दोषों को आधार नहीं मानते हुए अनुरक्षियता के आधार पर याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं अधिवक्ता ने यह बताया उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में गिरफ्तारी के लिए जो आवेदन दिया गया था, उसे वापस ले लिया है।
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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi
