Chhattisgarh

मछुआरों को अब रायल्टी आधार पर मिला मत्स्याखेट का अधिकार

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को सम्मानित करते हुए मछुआरे।
गंगरेल बांध धमतरी। फाईल
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को सम्मानित करते हुए मछुआरे।

धमतरी, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । गंगरेल बांध डुबान क्षेत्र की मछुआ सहकारी समितियों को पुनः मछली पालन का हक मिलने पर प्रभावित समितियों के सदस्यों ने विगत दिवस मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार जताते हुए अभिनंदन किया। इस अवसर पर गंगरेल डुबान क्षेत्र के तीन जिलों-धमतरी, कांकेर और बालोद की 11 मछुआ सहकारी समितियों के सदस्यगण उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर ग्रामीणों की मांग पर डुबान क्षेत्र में जनसुविधा के लिए एक एम्बुलेंस उपलब्ध कराने और राष्ट्रीय बैंक की शाखा शीघ्र खोले जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि गरीबों और वंचितों के उत्थान के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। विभिन्न शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता को उनका अधिकार दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर ही स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हों और लोग सीधे लाभान्वित हो सकें।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ राज्य सहकारी मत्स्य महासंघ मर्यादित, रायपुर, द्वारा गंगरेल जलाशय को गोपाल कृष्ण साहू, निवासी कांकेर को राशि रुपये 1.16 करोड़ प्रतिवर्ष की दर से नीलामी में वर्ष 2023 में प्रदान किया गया था। गंगरेल जलाशय में 10 से अधिक मछुआ सहकारी समितियां कार्यरत हैं। जिसमें 1200 से अधिक मछुआ परिवार मत्स्याखेट कर अपनी आजीविका गंगरेल जलाशय से प्राप्त करते थे। वर्ष 2023 से पूर्व में गंगरेल जलाशय को समितियों को लीज पर प्रदान किया जाता था, जिससे गंगरेल जलाशय में कार्यरत मछुआ परिवारों को सुलभ आजीविका हेतु मछली प्राप्त होती थी। परंतु वर्ष 2023 के बाद गंगरेल जलाशय की नीलामी से मछुआ परिवारों को काम मिलना कम हो गया, जिससे उनके आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुआ। गंगरेल जलाशय में कार्यरत मछुआ सहकारी समितियों द्वारा जिला स्तर पर कलेक्टर अबिनाश मिश्रा को अपनी समस्या से अवगत कराया ।

मछुआ समिति के सदस्य मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से लगातार संपर्क कर अनुरोध किया । मछुआरों की समस्याओं को ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री की पहल पर नियमानुसार कलेक्टर एवं छत्तीसगढ राज्य सहकारी मत्स्य महासंघ मर्यादित, रायपुर, द्वारा आठ अगस्त 2025 को गंगरेल जलाशय का अनुबंध निरस्त कर दिया गया। वर्तमान में रायल्टी आधार पर मछुआरों को गंगरेल जलाशय में मत्स्याखेट की अनुमति प्रदान की गयी है। इसी संदर्भ में गंगरेल जलाशय में कार्यरत मछुआ बहकारी समितियों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया एवं गंगरेल मलाशय को पूर्व की भांति लीज पर समितियों को दिलाने हेतु अनुरोध किया गया। मुख्य मंत्री द्वारा छत्तीसगढ शासन नवीन मछलीपालन पूर्व नीति में आवश्यक सुधार कर पूर्व भांति लीज पर समितियों को दिलाने हेतु आश्वस्त किया।

इस अवसर पर धमतरी महापौर रामू रोहरा एवं पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष हर्षिता पांडेय उपस्थित थीं। कार्यक्रम में गंगरेल बांध डुबान क्षेत्र की 11 मछुआ समितियों में ग्राम उरपुरी, तेलगुड़ा, मोगरागहन, कोलियारी पुराना, कोलियारी नया, गंगरेल, फुटहामुड़ा, तुमाबुजुर्ग, अलोरी, भिलाई एवं देवीनवागांव के सदस्यगण सहित अन्य गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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