Uttrakhand

आरबीआई गवर्नर ने मुख्यमंत्री से की भेंट,बैंकिंग विस्तार व डिजिटल वित्तीय समावेशन पर की चर्चा

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट करते।

-मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग पहुंच को लेकर रखे सुझाव

-आरबीआई ने उत्तराखंड सरकार को हरसंभव सहयोग का दिया आश्वासन

देहरादून, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। यह भेंट राज्य के आर्थिक परिदृश्य, वित्तीय समावेशन और उत्तराखंड में बैंकिंग सेवाओं के सुदृढ़ीकरण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित रही।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आरबीआई गवर्नर का उत्तराखंड आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि देश की वित्तीय संस्था के प्रमुख से मुलाकात राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण अवसर है। राज्य सरकार वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और डिजिटलीकरण को प्राथमिकता देते हुए उत्तराखंड को आत्मनिर्भर और विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने आरबीआई गवर्नर से उत्तराखंड के पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं के विस्तार, डिजिटल भुगतान प्रणाली के प्रसार और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आरबीआई के सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि ऐसे क्षेत्रों में भी बैंकिंग सेवाएं सुलभ हों जहां अभी भी पहुंच की कमी है,जिससे जनता को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी के “डिजिटल इंडिया” अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड ने हाल के वर्षों में डिजिटल लेनदेन, डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) और सरकारी सेवाओं के ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्धता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।

आरबीआई गवर्नर ने उत्तराखंड सरकार की ओर से वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता, और सुशासन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक राज्य के वित्तीय विकास और बैंकिंग आधार के विस्तार में हरसंभव सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि आरबीआई की ओर से उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में बैंकिंग और वित्तीय साक्षरता से जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त,स्थानीय स्तर पर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र को वित्तीय सहायता की सुविधा भी अधिक सुलभ बनाने पर विचार किया जाएगा।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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