Jammu & Kashmir

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का आतंकी गठजोड़ फिर उजागर- गौरव

जम्मू, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में इज़राइल और पाकिस्तान के बीच हुई तीखी बहस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा जम्मू-कश्मीर यूटी प्रवक्ता गौरव गुप्ता ने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर इस्लामाबाद के आतंकवाद से निर्विवाद गठजोड़ को उजागर कर दिया है।

गुप्ता ने कहा दुनिया इस तथ्य को नहीं मिटा सकती कि अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन – 9/11 हमलों का मास्टरमाइंड – पाकिस्तानी धरती पर पनाहगाह था और अंततः एबटाबाद में मारा गया। यह कोई आरोप नहीं बल्कि एक स्थापित सत्य है जो पाकिस्तान की वैश्विक छवि पर एक स्थायी दाग ​​है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इज़राइल के दूत ने दुनिया को स्पष्ट रूप से याद दिलाया कि जब पाकिस्तान में अमेरिकी सेना ने बिन लादेन का सफाया किया था तो किसी ने भी विदेशी धरती पर एक आतंकवादी को निशाना बनाने की कार्रवाई पर सवाल नहीं उठाया था। असली सवाल, तब और अब यह है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादी को पनाह क्यों दे रहा था

गुप्ता ने कहा कि पाकिस्तान के दूत ने इस बुनियादी सवाल का जवाब देने के बजाय दूसरों पर आरोप लगाना चुना और अपने ही देश के चरमपंथ को बढ़ावा देने के शर्मनाक रिकॉर्ड को आसानी से नज़रअंदाज़ कर दिया। उन्होंने कहा यह पाखंड की पराकाष्ठा है। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति की बात करता है लेकिन अपनी ही धरती से आतंक का निर्यात जारी रखता है। उनके दोहरे मापदंड एक बार फिर वैश्विक समुदाय के सामने उजागर हो गए हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने ज़ोर देकर कहा कि भारत का लगातार दोहराया गया रुख़ सही साबित हुआ है – ओसामा बिन लादेन से लेकर हाफ़िज़ सईद तक, अल-क़ायदा से लेकर लश्कर-ए-तैयबा तक पाकिस्तान लंबे समय से वैश्विक आतंकवाद का केंद्र रहा है। गुप्ता ने कहा जब भी पाकिस्तान दूसरों पर उंगली उठाता है दुनिया को उसे उन आतंकी नेटवर्कों की याद दिलानी चाहिए जिन्हें उसने पनाह दी है और बढ़ावा दिया है।

उन्होंने आगे याद दिलाया कि 9/11 के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से घोषणा की थी कि किसी भी देश को आतंकवादियों को धन, आश्रय या सुरक्षित पनाह नहीं देनी चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा पाकिस्तान ने बार-बार इस सिद्धांत का खुलेआम उल्लंघन किया है। वह दोष मढ़कर या खोखली बयानबाज़ी की आड़ में ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकता।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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