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विमल नेगी मामला : गिरफ्तार निलंबित एएसआई पंकज को एक दिन का रिमांड, जमानत याचिका भी दायर

Crime

शिमला, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए निलंबित एएसआई पंकज शर्मा को सोमवार को शिमला में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने पंकज को एक दिन के रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। सीबीआई ने अदालत से पांच दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन न्यायालय ने फिलहाल केवल एक दिन का ही रिमांड दिया। मामले पर अब मंगलवार दोपहर तीन बजे दोबारा सुनवाई होगी। इस बीच आरोपित पंकज शर्मा की ओर से उनकी जमानत याचिका भी दायर कर दी गई है, जिस पर अदालत मंगलवार को सुनवाई करेगी।

पंकज के एडवोकेट पीयूष वर्मा ने बताया कि अदालत में पंकज शर्मा की बेल एप्लिकेशन लगाई गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले पंकज की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई की थी। उस समय सीबीआई ने स्पष्ट किया था कि उन्हें फिलहाल पंकज शर्मा से पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में अचानक 14 सितम्बर को सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी आधार पर जमानत की मांग की गई है।

गौरतलब है कि सीबीआई ने रविवार को पंकज शर्मा को बिलासपुर जिला के घुमारवीं से गिरफ्तार किया था। आरोप है कि पंकज ने विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव निकाली और बाद में नेगी का लैपटॉप कब्जे में लेकर उसमें मौजूद डेटा डिलीट किया। जांच एजेंसी ने हाल ही में उनके घर से कुछ दस्तावेज भी बरामद किए थे, जिन्हें अहम सबूत माना जा रहा है। यही कारण है कि सीबीआई ने उसे गिरफ्तार किया है।

मामले के अनुसार पंकज शर्मा घटना के समय किसी जांच टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन सबसे पहले घटनास्थल पर मौजूद थे। उन पर सबूतों से छेड़छाड़ और साक्ष्य नष्ट करने का आरोप है। इससे पहले भी सीबीआई उन्हें कई बार बुलाकर पूछताछ कर चुकी है।

विमल नेगी की रहस्यमयी मौत मामले में यह सीबीआई की पहली गिरफ्तारी है। इससे पहले जांच का दायरा पावर कॉर्पोरेशन के तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों तक फैला हुआ है। इस कड़ी में तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा और निदेशक देशराज भी एफआईआर में नामजद हैं, लेकिन वे जमानत पर हैं। इस मामले में विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी और उनके भाई सुरेंद्र नेगी के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं।

गौरतलब है कि 10 मार्च को शिमला से अचानक लापता हुए विमल नेगी का शव आठ दिन बाद 18 मार्च को बिलासपुर के गोविंद सागर झील के किनारे मिला था। इस मौत पर सवाल खड़े हुए थे और परिजनों ने वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। पत्नी किरण नेगी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए जांच एजेंसी को मामला सौंपा।

सीबीआई ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 108 और 3(5) के तहत केस दर्ज किया है। धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित है। जांच के दौरान ही प्रदेश सरकार ने निलंबित निदेशक देशराज को बहाल कर हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड में चीफ इंजीनियर पद पर तैनात कर दिया था।

विमल नेगी मौत मामले ने प्रशासनिक और पुलिस तंत्र में भी हलचल मचा दी थी। इस दौरान सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा, तत्कालीन पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा और शिमला एसपी संजीव गांधी को अवकाश पर भेज दिया था। साथ ही पुलिस महकमे में फेरबदल करते हुए विजिलेंस डीजी अशोक तिवारी को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया और सोलन एसपी गौरव सिंह को शिमला का नया एसपी नियुक्त किया गया। हालांकि बाद में अवकाश समाप्त होने पर ओंकार शर्मा और संजीव गांधी ने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली थी।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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