


नई दिल्ली, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को कहा कि देश में व्यापक स्तर पर शहरों द्वारा स्वच्छता लक्षित इकाइयों (सीटीयू) की पहचान की जा रही है, जिनमें डार्क स्पॉट्स, उपेक्षित और दुर्गम क्षेत्र, कूड़े के ढेर, रेलवे स्टेशन, नदियां, बंजर भूमि, बैकलेन्स और गंदगी से भरे स्थल शामिल हैं। ये क्षेत्र जमीनी स्तर पर दिखने वाली स्वच्छता को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं, क्योंकि स्वच्छता और सुंदरता साथ-साथ चलती हैं।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2025 के 9वें संस्करण के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में मनोहर लाल ने कहा कि सीटीयू के रूपांतरण और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में 8 लाख से अधिक सीटीयू को रूपांतरित कर उपयोगी सार्वजनिक स्थानों में बदला गया। यह अभियान तय अवधि के बाद भी जारी रहेगा, ताकि जमीनी स्तर पर स्वच्छता साफ तौर पर दिखाई दे।
मनोहर लाल ने दिल्ली की भलस्वा डंपसाइट को गोद लेने की घोषणा करते हुए कहा कि 17 सितम्बर को वह प्रशासकों के साथ साइट का दौरा करेंगे। इस स्थल पर कचरे के निपटान और प्रोसेसिंग की योजनाओं की समीक्षा की जाएगी और उसी दिन सफाई प्रक्रिया की शुरुआत होगी। साइट पर जगह की कमी के कारण उन्होंने डीडीए से अतिरिक्त भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छता ही सेवा 2025 स्वच्छोत्सव थीम के तहत आयोजित किया जा रहा है, जो उत्सव को जिम्मेदारी के साथ जोड़ता है। उन्होंने कहा कि सीटीयू रूपांतरण, सफाईमित्र सुरक्षा, ओडीएफ प्लस और स्वच्छ सुजल गांव घोषणाओं के साथ प्लास्टिक मुक्त ग्रामीण गांव अभियान अंत्योदय से सर्वोदय के दृष्टिकोण को साकार करेंगे।
पाटिल ने देशवासियों से 25 सितम्बर को होने वाले राष्ट्रव्यापी श्रमदान में भाग लेने की अपील की और सूरत सहित नवसारी के लिए 8 से 10 करोड़ रुपये के सफाईमित्र सुरक्षा कोष की घोषणा की। यह कोष सफाईकर्मियों के कल्याण, उनके परिवारों की शैक्षिक सहायता और बिना ब्याज ऋण के लिए उपयोग होगा।
उल्लेखनीय है कि स्वच्छता ही सेवा 2025 का यह 9वां संस्करण 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा। स्वच्छोत्सव सीटीयू का रूपांतरण, स्वच्छ सार्वजनिक स्थल, सफाईमित्र सुरक्षा शिविर, स्वच्छ हरित उत्सव और जन-जागरूकता पांच स्तंभों पर आधारित है। अभियान के तहत 25 सितम्बर को ‘‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ’’ राष्ट्रव्यापी स्वैच्छिक श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस दौरान नागरिक, राजनीतिक नेतृत्व, स्वच्छ भारत मिशन के राजदूत, युवा समूह, एनजीओ, नागरिक समाज संगठन और प्रभावशाली व्यक्ति प्लॉगिंग अभियान और श्रमदान में भाग लेंगे। स्थानीय सफाईकर्मियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित भी किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर
