रुद्रप्रयाग, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । माध्यमिक संस्कृत शिक्षक कर्मचारी संगठन की जिला कार्यकारिणी की बैठक में आउटसोर्स नियुक्ति का विरोध किया गया। संगठन ने कहा कि उन्हें आउटसोर्स नियुक्ति किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है।
सोमवार को संगठन के जिला संरक्षक डा. वासुदेव प्रसाद सेमवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि संस्कृत विद्यालय एवं महाविद्यालयों में वर्षों से अल्प मानदेय पर कार्यरत संस्कृत अध्यापकों को आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्त करना उनके हितों के साथ धोखा है। कहा कि एक तरफ सरकार संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा देने की बात कह रही।
वहीं, संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन में लंबे समय से जुटे 155 योग्यताधारी शिक्षकों को अब आउटसोर्स से नियुक्त करने का फैसला लिया जा रहा है, जिसका संगठन पुरजोर विरोध करता है।
जिला महामंत्री राकेश कंसवाल ने कहा कि जिन शिक्षकों की बदौलत संस्कृत विद्यालय और महाविद्यालयों का अस्तित्व बचा हुआ है, उन्हीं के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है। सरकार का यह निर्णय संस्कृत शिक्षा और संस्कृत विषय के शिक्षकों के साथ कुठारघात है। बैठक में उपाध्यक्ष मनोज नौटियाल सहित अन्य संस्कृत शिक्षक मौजूद थे।
(Udaipur Kiran) / दीप्ति
