
शिमला, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में नौकरी का इंतज़ार कर रहे बेरोजगार युवाओं को सुक्खू सरकार ने बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचलवासियों के लिए रोजगार और विकास से जुड़े कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक का मुख्य एजेंडा विभिन्न विभागों में हजारों पदों को भरने की स्वीकृति रही।
मंत्रिमंडल ने सबसे पहले हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड में उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देने और कर्मचारियों की कमी दूर करने के उद्देश्य से 1,602 बिजली उपभोक्ता मित्रों की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की। इसके साथ ही 1,000 टी-मेट्स के पद भरने का भी निर्णय लिया गया। इसी कड़ी में राज्य कैडर के तहत 645 पटवारियों को ट्रेनी आधार पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में 400 स्टाफ नर्स और 200 चिकित्सा अधिकारियों को जॉब ट्रेनी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। ग्राम पंचायतों में प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए 300 जॉब ट्रेनियों की भर्ती होगी।
इसके अतिरिक्त, चिकित्सा शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभागों में 38 सहायक प्रोफेसर पद सृजित किए गए। राज्य सचिवालय में 25 स्टेनो-टाइपिस्ट पद भी सृजित होंगे। वहीं, परवाणु और धर्मपुर पुलिस थानों में राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने के लिए विभिन्न श्रेणियों के पदों को भरा जाएगा। पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग में भी संगठनात्मक ढांचे को सुव्यवस्थित करने के लिए पांच नए पदों को मंजूरी दी गई है।
बैठक में लोकायुक्त कार्यालय में दो जेओए (आईटी) पद सृजित करने और सात डिनोटिफाइड महाविद्यालयों के शिक्षकों और गैर-शिक्षकों को उच्च शिक्षा निदेशालय के सरप्लस पूल में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया। साथ ही 89 श्रेणियों के कर्मचारियों को लाभ देने वाली उच्च ग्रेड वेतन अधिसूचना को वापस ले लिया गया है।
शिक्षा क्षेत्र में भी अहम निर्णय लेते हुए मंत्रिमंडल ने अगले शैक्षणिक सत्र से 100 सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू करने की स्वीकृति प्रदान की। पर्यटन और अतिथि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री स्टार्ट-अप योजना शुरू करने की घोषणा हुई। इस योजना के तहत नए होम स्टे बनाने और पुराने होम स्टे को उन्नत करने के लिए लिए गए ऋणों पर ब्याज में राहत दी जाएगी। शहरी क्षेत्रों में तीन, ग्रामीण में चार और जनजातीय क्षेत्रों में पांच प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान मिलेगा।
स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए नौ जिलों के आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में 28 डायलिसिस केंद्र खोले जाएंगे। साथ ही, मेडिकल ऑफिसर कैडर को सामान्य और विशेषज्ञ श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। एलएडीएफ का 10 प्रतिशत हिस्सा अब ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ को वित्तीय सहायता के रूप में खर्च किया जाएगा।
भू-नियोजन पर भी मंत्रिमंडल ने फैसला लिया। ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाबद्ध निर्माण को नियंत्रित करने के लिए मॉडल उप-नियमों को मंजूरी दी गई। पुलिस कांस्टेबलों को भी अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 176 (1) के तहत विशेष परिस्थितियों में जांच का अधिकार मिलेगा।
जिलों में प्रशासनिक पुनर्गठन के फैसले भी लिए गए। चंबा जिले के पांगी तहसील के साच में नई उप-तहसील खुलेगी। कांगड़ा जिले की रे उप-तहसील में नया पटवार सर्कल नंगल बनाया जाएगा। चढियार उप-तहसील को तहसील का दर्जा दिया गया। हमीरपुर के भोरंज, बमसन और सुजानपुर विकास खंडों का पुनर्गठन होगा। जलशक्ति विभाग का नया उप-मंडल ज्वालामुखी क्षेत्र के हरसी में स्थापित होगा।
आवास योजनाओं के लिए मंत्रिमंडल ने पट्टा नियम में संशोधन किया है। अब हिमुडा की भूमि पट्टा अवधि 80 वर्ष होगी। इसके अलावा शिमला के संजौली क्षेत्र में सन्गया चौलिंग एसोसिएशन के पक्ष में सरकारी भूमि पट्टा अवधि 40 वर्ष के लिए बढ़ाई गई।
साहसिक पर्यटन में सुरक्षा को मजबूती देने के लिए सभी पंजीकृत टेंडेम पायलटों को 31 अगस्त, 2026 तक सुरक्षा पाठ्यक्रम पूरा करना अनिवार्य होगा। ऊर्जा क्षेत्र में भी अहम निर्णय लिया गया और राज्य के 13 स्थानों पर ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट और सोलर-सीबीजी पावर प्रोजेक्ट लगाने के लिए भूमि पट्टे पर देने की स्वीकृति दी गई। कांगड़ा हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण की समयसीमा भी 24 माह बढ़ाकर 3 जून, 2026 तक कर दी गई।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
