धर्मशाला, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज में बीते 12 सितंबर को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ बदसलूकी के मामले में पुलिस कार्यवाही की जाएगी। धर्मशाला में द्वितीय आईआरबी सकोह के रजत जयंती समारोह में हिस्सा लेने आये पुलिस महानिदेशक आईपीएस अशोक तिवारी ने सोमवार को यह बात मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कही।
डीजीपी ने कहा कि इस मामले में एसपी कांगड़ा से जानकारी ली गई है तथा उन्हें मामले की जांच पड़ताल कर उचित कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मामला चाहे महिला पुलिस अधिकारी का हो या अन्य किसी आम महिला का पुलिस की ओर से उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी, इसमें आरोपियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
डीजीपी अशोक तिवारी ने कहा कि यह मामला काफी संजीदा है। ड्यूटी पर तैनात किसी भी अधिकारी व कर्मचारी से किसी भी तरह की बदसलूकी सहन नहीं की जा सकती। यह सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने का मामला बन सकता है। उन्होंने एसपी कांगड़ा अशोक रत्न को इस सारे मामले की जांच से बात हो गई है। मामले में जांच पड़ताल कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बीते 12 सितंबर को डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में रोबोटेटिक्स सर्जरी के उदघाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू मुख्यातिथि के रूप में पहुंचने वाले थे। हालांकि मौसम खराब होने के चलते सीएम टांडा नहीं पहुंच पाए थे, ऐसे में उन्होंने वर्चुअली रूप से चंडीगढ़ से रोबोटिक्स सर्जरी का उदघाटन किया था। इस दौरान प्रदेश के स्वास्थय मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री प्रो. चौधरी चंद्र कुमार, पर्यटन निगम के अध्यक्ष एवं नगरोटा बगवां के विधायक आरएस बाली सहित अन्य नेता, अधिकारी व पदाधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान वीवीआईपी काफिले में वाहनों के गुजरने के समय प्रोटोकॉल में शामिल न होने वाले नेता के वाहन को लेकर भी पुलिस विभाग कांगड़ा की एक महिला आईपीएस अधिकारी के साथ विवाद हुआ। इसमें डयूटी में तैनात अधिकारी की ओर से नेता को नियमों के तहत ही जाने की बात कही जा रही थी। इस बात पर तथाकथित नेता की ओर से आईपीएस अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया गया था।
उक्त मामले में पूर्व मंत्री एवं जसवां-परागपुर के विधायक विक्रम ठाकुर ने भी प्रेस वार्ता करके मामले की जांच तथा उक्त कांग्रेस नेता के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी। इसके बाद से ही उक्त मामले को लेकर नेताओं, पुलिस अधिकारियों सहित आम जनता के बीच भी कई सवाल उठ रहे थे।
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(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
