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कांग्रेस की महिला विधायकों ने सदन में कैमरा के मामले में स्पीकर पर निशाना साधा

कांग्रेस की महिला विधायकों ने सदन में कैमरा के मामले में स्पीकर पर निशाना साधा

जयपुर, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष गोविन्‍द सिंह डोटासरा द्वारा विधानसभा अध्‍यक्ष पर कांग्रेस की महिला विधायकों को हिडन कैमरा के जरिए देखने के आरोप लगाने के बाद अब कांग्रेस की महिला विधायकों ने भी इन आरोपों को दोहराते हुए कहा कि जासूसी कैमरों के जरिए हमारी निजता हनन हो रही है। यह बात अनूपगढ़ से कांग्रेस विधायक शिमला नायक और भोपालगढ़ से विधायक गीता बरबड़ की ओर से सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जयपुर पर प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया के समक्ष कही गई।

दोनों महिला विधायकों ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों के बैठने वाले स्थान पर जहॉं महिला विधायक बैठती हैं, के ऊपर वीडियो कैमरे लगाकर निगरानी करना ना सिर्फ विधानसभा के नियमों के विपरीत है, बल्कि विधायिका परम्पराओं का भी उल्लंघन है।

कांग्रेस की महिला विधायकों ने कहा कि विधानसभा में कैमरे और माइक विधायकों के संबोधन के समय आवाज और उनकी वीडियो को आम जनता के समक्ष लाइव दिखाने तथा विधानसभा के रिकॉर्ड के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। किन्तु विधानसभा परिसर में जहॉं विपक्ष कांग्रेस से जीत कर आई महिला विधायक बैठती हैं। वहां इस प्रकार के वीडियो कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे उस स्थान पर आपसी बातचीत को भी उन कैमरों के माध्यम से रिकॉर्ड किया जा सकता है और देखा जा सकता है। किन्तु इन कैमरों से सार्वजनिक प्रसारण नहीं किया जाता है। विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के पश्चात भी इन कैमरों के माध्यम से वहां मौजूद विपक्षी दल कांग्रेस की महिला विधायकों की समस्त गतिविधियों एवं उनकी बातचीत रिकॉर्ड कर सुनी जाती है जो कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अपने आराम कक्ष में रिकॉर्डिंग के माध्यम से महिला विधायकों पर नजर रखी जाती है। यह समस्त महिला विधायकों की निजता का उल्लंघन है। ऐसी समस्त रिकॉर्डिंग एवं निगरानी न सिर्फ कानूनी रूप से गलत है बल्कि जब सदन नहीं चल रहा हो तो इन कैमरों के माध्यम से ली गई समस्त जानकारी महिला विधायकों के निजता के अधिकार पर एक प्रहार है।

शिमला नायक ने पूछा कि इन कैमरों को किसकी अनुमति से लगाया है? इसका एक्सेस किसके पास है? रिकॉर्डिंग की हार्ड डिस्क दिखाई जाए कि इसमें क्या-क्या कैद हो रहा है? इन दो कैमरों के जरिए हमारी निजी बात सुनने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को किसने दिया है? उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि बिना अनुमति किसी की निजी रिकॉर्डिंग संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।

विधायक गीता बरबड ने आरोप लगाया कि जब सदन स्थगित होता है तब भी यह खुफिया कैमरे चालू रहते हैं। ये विपक्ष की महिला विधायकों की निजता का हनन कर रहे हैं। जब विपक्ष के नेता ने आपत्ति दर्ज कराई तो सत्ता पक्ष के विधायक कहते हैं कि निजता भंग नहीं होगी। हम जनता की ओर से चुने गए हैंं सरकार से सवाल पूछना हमारा अधिकार है। लेकिन भाजपा के विधायक सदन में अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हैं। यह स्वीकार नहीं है। पीसीसी अध्यक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई तो उसे मर्यादित कह रहे हैं, लेकिन उनके शिक्षा मंत्री महिलाओं पर जो टिप्पणियां करते हैं, उन पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है। जब तक यह दो कैमरे नहीं हटाए जाएंगे तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

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(Udaipur Kiran)

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