
उरई, 15 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के जनपद उरई में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर से बढ़ते बिजली बिलों और बिजली आपूर्ति से जुड़ी अन्य समस्याओं को लेकर समाजवादी पार्टी ने सोमवार को जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपकर समाधान की मांग की। पार्टी के जिलाध्यक्ष सहित कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारियों के सामने जनता की परेशानियों से अवगत कराया।
ज्ञापन देते हुए पार्टी के जिलाध्यक्ष दीपराज गुर्जर ने अधिकारियाें काे अवगत कराया कि स्मार्ट मीटर के खिलाफ जनता में गहरा आक्रोश है। स्मार्ट मीटर से बढ़ते बिजली बिल आम जनता चुकाने में असमर्थ है। जनता की समस्याओं काे देखते हुए उनकी मांग है कि तब तक के लिए स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए, जब तक कि इसकी पारदर्शिता और शुद्धता सुनिश्चित नहीं हो जाती।
पार्टी ने बिजली विभाग काे शाम छह बजे के बाद चलाए जाने वाले चेकिंग अभियानों पर भी गम्भीर आपत्ति जताई। उनका तर्क है कि इस समय चेकिंग करने से नागरिकों की सुरक्षा को खतरा है। अंधेरे का फायदा उठाकर कोई भी अवैध तरीके से किसी के घर में घुस सकता है। ‘फर्जी चेकिंग’ के नाम पर उन्हें परेशान कर सकता है। इससे परिवारों, विशेषकर महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा संकट में पड़ सकती है।
नगरों में सड़कों के किनारे खुले पड़े बिजली के तारों से लाेगाें को खतरा है। पार्टी नेताओं ने कहा कि ये तार किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। बारिश के मौसम में इनसे बिजली के झटके लगने और आग लगने का खतरा और भी बढ़ जाता है। उन्होंने इन सभी खुले तारों की तत्काल मरम्मत और सुरक्षित व्यवस्था करने की मांग की। किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए पार्टी ने मांग की कि किसानों के ट्यूबवेल की लाइनों को तुरंत ठीक किया जाए और उन्हें फसल की सिंचाई के लिए 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
अंत में, पार्टी ने कहा कि किसान हित और जनमानस हित को देखते हुए बिजली वितरण का निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए। निजीकरण से बिजली की कीमतें और बढ़ेंगी और आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएंगी।
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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा
