
उज्जैन, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । श्राद्ध पक्ष की अष्टमी को हाथी अष्टमी कहा जाता है। नईपेठ स्थित गजलक्ष्मी मंदिर में रविवार को अष्टमी पर शहरवासी दुध चढ़ाने पहुंचे। मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान भी सम्पन्न हुए।
पुजारी सागर शर्मा के अनुसार नई पेठ स्थित गजलक्ष्मी मंदिर में गजराज पर विराजी महालक्ष्मी की प्रतिमा को लेकर मान्यता है कि यह स्फटिक की है और करीब दो हजार वर्ष प्राचीन है। देवी महालक्ष्मी एरावत पर पद्मासन स्थिति में विराजीत है। यह भी मान्यता है कि यह प्रतिमा सम्राट विक्रमादित्य कालीन है। मंदिर में रविवार प्रात: 9 से 11 बजे तक अनुष्ठान के तहत 251 लीटर दुध से दुग्धाभिषेक हुआ। पश्चात माताजी का सोहल श्रृंगार किया गया और दोपहर 12 बजे महापूजन एवं महाआरती की गई। संध्या छह बजे से भजन संध्या का आयोजन किया गया।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
