
–डीजीपी को पत्र भेजकर की गई सख्त कार्यवाही की मांग
झांसी, 14 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के झांसी निरीक्षक आनन्द सिंह के खिलाफ बबीना विधायक राजीव सिंह की शिकायत पर प्रभारी मंत्री बेबी रानी मौर्य द्वारा डीजीपी व प्रमुख सचिव गृह को लिखे पत्र के बाद सदर विधायक रवि शर्मा के द्वारा आनन्द सिंह के पक्ष में लिखा पत्र चर्चाओं में है। इसी बीच अब राष्ट्रभक्त संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरीक्षक आनन्द सिंह के विरोध में उतरे हैं।
राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अडजरिया ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि डीजीपी उत्तर प्रदेश को एक शिकायती पत्र भेजा गया है, जिसमें इन्स्पेक्टर आनंद सिंह पूर्व थानाध्यक्ष सीपरी बाजार की कारगुजारियों के सम्बंध में अवगत कराया गया है। उन्होंने बताया कि इस बारे में राष्ट्रभक्त संगठन सभी जनप्रतिनिधियों से मिलकर आम जनमानस के हित में कदम उठाने का आग्रह करेगा व मुख्यमंत्री के सामने समस्या को रखने की मांग करेगा। कार्यवाही न होने पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
डीजीपी को भेजे गये पत्र में थानाध्यक्ष सीपरी बाजार आनन्द सिंह की अपराधियों से सांठ-गांठ एवं अर्जित की गई आय से अधिक सम्पत्ति पर कार्यवाही किये जाने की मांग की गई है।
पत्र में बताया गया कि आनन्द सिंह के प्रेमनगर थानाध्यक्ष रहते हुए अंचल अडजरिया द्वारा इन्हें आईपीएल पर सट्टा लगवाने वाले लोगों के नाम बताए गये थे। कुछ लोगों के नम्बर भी उपलब्ध करवाये गये थे, जिनको इनके द्वारा पकड़कर मोटी रकम वसूलकर जो करीब 50 लाख रूपये सूत्रों द्वारा बताई गई है, धर्मेन्द्र साहू व उसके गुर्गो को इनके छोड़ दिया गया।
इसके बाद कोतवाली में रहते हुये व मऊरानीपुर रहते हुये भी यह सट्टा किंगों से रूपया प्राप्त करते रहे। जब लाईन में चले गये तो उन लोगों ने रूपया देना बन्द कर दिया जिसको लेकर यह खुन्नस में रहने लगे और जब इन्हें सीपरी थानाध्यक्ष का चार्ज मिला तो इनके द्वारा पुनः धर्मेन्द्र साहू से सम्पर्क स्थापित कर रूपया प्राप्त करने का प्रयास किया। जब बात नहीं बनी तो कुछ लोगों को व धर्मेन्द्र साहू को पकड़कर जेल भेज दिया। परन्तु पुनः डील होने के कारण हल्की धाराओं में चालान कर दिया। प्रेमनगर थानाध्यक्ष रहते हुये सूचना पर धर्मान्तरण का मामला पकड़ा गया था, जिसमें आनन्द सिंह द्वारा मुख्य आरोपी जो काला कोट पहने हुये थी व अपने आप को वकील बता रही थी उससे डील कर मोटी रकम लेकर थाने लाकर छोड़ दिया व बाकी लोगों को इस केस में बन्द कर दिया।
सीपरी थानध्यक्ष बनने के बाद सेक्स रैकेट पकड़ने गये जो किसी के मकान में चलाया जा रहा था। यहां पर भी स्वयं सादा कपड़ों में गये जबकि इनसे उच्च स्तर तक के अधिकारी पुलिस की वर्दी में थे। यहां भी मुख्य अभियुक्त को रूपयों की डील होने के बाद आज तक कुछ नहीं किया जबकि मीडिया में स्टेटमेंट दिये कि मकान मालिक के खिलाफ भी कठोर कार्यवाही करेगें।
अंचल अडजरिया ने कहा कि आनन्द सिंह अपने आप को एडीजी लॉ एण्ड आर्डर अमिताभ यश का खास आदमी बताते हैं, इसलिए अपने ऊपर के सीओ, एसपी सिटी, एसएसपी और ऊपर के अन्य अधिकारियों को कुछ नहीं समझते हैं। इनका व्यवहार सहकर्मियों, आम जनता, महिलाओं व मीडियाकर्मियों के साथ भी अशोभनीय अमर्यादित व असम्मानजनक रहता है। इसके साथ ही संगठन के पत्र में विभिन्न गंभीर प्रकार को आरोप इन्स्पेक्टर आनन्द सिंह पर लगाये गये हैं और एसएसपी स्तर के अधिकारी से जांच कराये जाने की मांग की गई है।
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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया
