
गोरखपुर, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) में विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस पर 102 यूपी बटालियन राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) द्वारा ‘फर्स्ट एड और जलवायु परिवर्तन’ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए फैकल्टी ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल के प्राचार्य डॉ. रोहित श्रीवास्तव ने कहा कि आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित प्राथमिक चिकित्सा ही मरीज की संजीवनी है। किसी भी दुर्घटना में घबराएं नहीं बल्कि धैर्य के साथ त्वरित सहायता करें। डॉ. रोहित ने प्राथमिक उपचार के लक्ष्य पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि प्राथमिक चिकित्सा में आपातकालीन स्थितियों में त्वरित निर्णय लेने और सही प्राथमिक उपचार प्रदान करने की क्षमता को विकसित करने के लिए कैडेटों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि आज की बदलती जलवायु परिवर्तन और बढ़ती आपदाओं के बीच फर्स्ट एड का ज्ञान हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य हो गया है। यह न केवल आपातकालीन स्थिति में दूसरों की मदद करने का माध्यम है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में फर्स्ट एड की ट्रेनिंग अनिवार्य की जानी चाहिए, ताकि हम जलवायु आपदाओं का सामना संगठित रूप से कर सकें।
कार्यशाला में प्रवक्ता आकाश वर्मा ने प्राथमिक उपचार के समय बरती जाने वाली सावधानियों एवं प्राथमिक उपचार के तरीकों से अवगत कराया। उन्होंने सीपीआर का डिमांस्ट्रेशन देकर व्यक्ति की जान बचाने का कैडेट्स को प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम संयोजक लेफ्टिनेंट (डॉ.) संदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि एनसीसी कैडेटों के लिए प्राथमिक चिकित्सा न केवल एक कौशल है, बल्कि यह उनकी प्रशिक्षण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कार्यशाला का संचालन श्रद्धा उपाध्याय ने किया।
(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
